मजदूरों ने कराया पंजीयन मिलेगा योजनाओं का लाभ

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन प्रारंभ
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
नगर निगम भोपाल द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन का काम आज से शुरू हो गया। नगर निगम के सभी वार्ड कार्यालय, जोन कार्यालय एवं नागरिक सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) में सुबह 8 बजे से पंजीयन का काम शुरू हो गया है। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के काम पूरा करने के लिए निगम प्रशासन ने उपायुक्त बीडी भम्मरकर को नोडल अधिकारी बनाया है। आज उन्होंने सभी वार्ड व जोन कार्यालय में पंजीयन के काम का जायजा लिया। पंजीयन दो चरणों में पंजीयन का किया जाएगा, जिसका पहला आज से शुरू हुआ है। पहले चरण का यह पंजीयन 28 मार्च तक होगा तो दूसरा चरण में 1 से 5 अप्रैल तक चलेगा।
नगर निगम श्रमिकों के पंजीयन का काम शहर के विभिन्न बस्तियों के 64 स्थानों को चिन्हित स्थानों पर भी अलग-अलग दिनों में शिविर लगाकर करेगा। आज से वार्ड व जोन कार्यालयों में पंजीयन प्रारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विगत दिनों वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान मध्यप्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण असंगठित श्रमिकों का पंजीयन कराने के दिए थे। उपायुक्त बीडी भुम्मरकर को नोडल अधिकारी और सहायक आयुक्त सीबी मिश्रा को सहायक नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा है। समस्त जोनल अधिकारियों (शिविर प्रभारी) एवं वार्ड प्रभारियों को अपने लक्ष्यों की शत प्रतिशत पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए है। इस कार्य के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा गया है। साथ ही अपने क्षेत्रों में फ्लैक्स, बैनर एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से योजना का प्रचार प्रसार नगर निगम कर रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में असंगठित श्रमिकों के पंजीयन हेतु शिविर कैलेन्डर, पंजीयन आवेदन का प्रारूप उपलब्ध है।
इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को अलग-अलग वर्ग में विभाजित किया है ताकि आसानी से श्रमिक शासन की योजनाओं का लाभ ले सकें। असंगठित श्रमिक श्रेणी में कृषि मजदूर, लघु एवं सीमांत कृषक, घरेलू श्रमिक, फेरी वाले, दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोडऩे वालेर्, इंट बनाने वाले गोदाम में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथकरघा, रंगाई, छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने, चमडे की वस्तु और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो रिक्शा चालक, आटा, तेल दाल, चावल मिलों में काम करने वाले, लकडी का काम करने वाले बर्तन बनाने वाले कारीगर, लोहार, बढई, फर्नीचर, प्लास्टिक, निजी एजेंसियों में कार्य करने वाले, हम्माल, तुलावटी, गृह उद्योग में काम करने वाले श्रमिक जिनका ई.पी.एफ. न कटता हो और जो आयकर दाता न हो वह असंगठित श्रमिक श्रेणी में शामिल है।


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