चुनाव से पहले सरकार ने पांच लाख लोगों को कराई तीर्थ यात्रा

प्रशासनिक संवाददाता ॥ भोपाल
अपनी फ्लेगशिप योजनाओं के दम पर प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रही मप्र सरकार अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन भी चुनावी जमावट के हिसाब से कर रही है।
सरकार की ऐसी योजनाओं ेमें से एक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में सरकार ने चुनावों के ठीक पहले साल साल में पांच लाख से ज्यादा बुजुर्गों का तीर्थ दर्शन कराएं हैं, जबकि इसके पहले के पांच सालों में प्रदेशभर से एक लाख बुजुर्ग भी इस योजना के तहत तीर्थ दर्शन नहीं कर पाए। मप्र के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की सलाना रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2017 के 9 महीनों के बीच में पांच लाख 22 हजार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेज दिया। इसके बाद की जानकारी विभाग सभी जिलों से जुटा रहा है। खास बात यह है कि वर्ष 2012-13 से लागू इस योजना में हर साल से एक लाख से कम बुजुर्ग श्रद्धालुओं को तीर्थ दर्शन पर भेजा जाता था। 2018 में होने वाले चुनाव को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2017 और 2018 में पांच-पांच लाख से ज्यादा बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन करा दिए।
क्या है योजना
इस योजना में मप्र सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, शिर्डी, तिरूपति, अजमेर शरीफ, काशी, गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला और वेलांगणी चर्च तीर्थ दर्शन के लिए भेजती है। योजना के तहत सरकार तीर्थ दर्शन पर जाने वाले यात्रियों के आने-जाने, रूकने आदि का खर्च वहन करती है।
किस साल कितने बुजुर्गों ने किए तीर्थ दर्शन
वर्ष खर्च हुआ ट्रेन संख्या यात्री
2012-13 59.38 82 82 हजार
2013-14 74.50 98 98 हजार
2014-15 84.49 75 75 हजार
2015-16 99.77 90 90 हजार
2016-17 125 111 1 लाख 11 हजार
1 अप्रैल 2017 से 11 अक्टूबर 2017 तक 5 लाख 22 हजार तीर्थ यात्री भेजे गए।


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