कांग्रेस की टिकट चाहिए तो लेना ही होगा ‘नवजीवनÓ

मुख्य प्रतिनिधि ॥ भोपाल
पार्टी की छवि बचाने की खातिर आलाकमान के दबाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को 50 हजार रुपए जमा करने की बाध्यता से भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन अपने भविष्य के लिए हर दावेदार को नवजीवन लेना ही होगा। जिसे भी टिकट चाहिए उसे पार्टी के अखबार नवजीवन का अस्तित्व बचाने के लिए जेब में हाथ डालना मजबूरी होगी। प्रदेश कांग्रेस के खजाने में दो हजार रुपए जमा कराने के बाद ही दावेदारी अधिकृत मानी जाएगी। इसके अलावा एक हजार रुपए अलग रसीद भी हर दावेदार को प्रदेश कांग्रेस में कटवाना पड़ेगी।
असल में प्रदेश कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांग रहे सभी दावेदारों से आवेदन ले रही है। प्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया ने आवेदन के साथ 50 हजार रुपए पार्टी फंड में जमा कराने की बाध्यता भी लगा दी थी। प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं की नाराजगी पर हाईकमान ने 50 हजार रुपए की बाध्यता समाप्त कर दी है। बावजूद इसके उम्मीदवारों से आवेदन के साथ दो बैंक ड्राफ्ट पार्टी अभी भी ले रही है। इसमें दो हजार रुपए का बैंक ड्राफ्ट पार्टी के अखबार नेशनल हेराल्ड हिंदी संस्करण दैनिक नवजीवन की आजीवन सदस्यता का लिया जा रहा है। खासबात यह है कि यह राशि देना पार्टी ने अनिवार्य कर रखा है। यदि इसके बिना कोई आवेदन आता है तो वह रद्दी में डाला जा सकता है। इसके अलावा सभी से एक हजार रुपए रुपए का शुल्क आवेदन का भी रखा है। इस राशि का भी अलग ड्राफ्ट सभी से जमा कराया जा रहा है। इस तरह 50 हजार रुपए की बाध्यता हटने के बाद सभी को तीन हजार रुपए जमा करना ही पड़ रहा है।
पीसीसी को भी फायदा
दावेदारों से फार्म के साथ एक हजार रुपए का आवेदन शुल्क भी वसूला जा रहा है। इसकी बकायदा रसीद भी पीसीसी की ओर से दी जा रही है। बताया जा रहा है कि इससे पीसीसी को अभी तक छह से सात लाख रुपए मिल चुके हैं। पीसीसी ने आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि अभी तक घोषित नहीं की है। आवेदन लेने का सिलसिला लंबे समय तक चलते रहने की संभावना है।
नहीं पहुंचा निरस्ती का आदेश
पीसीसी ने आवेदन के साथ दावेदारी करने की सूचना भी सभी जिलों को भेज दी थी। इसकी तिथि भी बकायदा सार्वजनिक की गई थी। काउंटर लगाकर रसीद भी काटी गई। मगर इस आदेश पर रोक की सूचना की कोई विधिवत जानकारी पीसीसी से नहीं निकली है। आज तक इस संबंध में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। फार्म लेकर आ रहे दावेदारों को यहीं सूचना दी जा रही है। इसी का परिणाम है कि आज भी दावेदार अपने आवेदन के साथ 50 हजार रुपए का ड्राफ्ट भी लेकर पहुंच रहे हैं। कुछ दावेदार तो पीसीसी के मना करने के बाद भी जबरन ड्राफ्ट यहीं दे गए।
नए फार्मूले से जमा हुए तीन करोड़ के ड्राफ्ट
बावरिया द्वारा लगाई गई 50 हजार रुपए की बाध्यता का भले ही बड़े नेताओं ने विरोध कर दिया हो। मगर विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटे मैदानी नेताओं ने 50 हजार रुपए जमा कराने में पीछे नहीं हैं। पीसीसी को अभी तक 600 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। इनमें भोपाल की सातों सीटों के लिए भी आवेदन पीसीसी में पहुंच चुके हैं। सभी नेताओं ने दावेदारी शुल्क के 50 हजार रुपए भी जमा कराए हैं। हाईकमान द्वारा इस राशि पर रोक लगा देने के बाद पीसीसी ने सभी बैंक ड्राफ्ट बंडल में बांधकर रख दिए हैं। करीब तीन करोड़ रुपए के ड्राफ्ट आज भी बंडल में बंधे हुए हैं। हालांकि इनकी रजिस्ट्रर में इंट्री कर सूची तैयार की जा रही है।
अब टिकट के लिए आवेदन के साथ 50 हजार रुपए की अनिवार्यता खत्म कर दी है। पूर्व में जिन लोगों ने 50 हजार रुपए के ड्राफ्ट जमा कराए थे। सभी के ड्राफ्ट जल्द ही लौटा दिए जाएंगे। मगर एक हजार रुपए आवेदन शुल्क के साथ दो हजार रुपए नेशनल हेराल्ड के सभी को जमा करना होगा।
ठ्ठ चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी,
प्रभारी महामंत्री प्रदेश कांग्रेस


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