चीन ने कोरोना के सबूतों को नष्ट करने के लिए क्या किया? डॉक्टर ने उठाया राज से पर्दा

बीजिंग: कोरोना वायरस (CoronaVirus) को लेकर चीन को उसी के डॉक्टर ने कठघरे में खड़ा किया है. डॉक्टर का कहना है कि वुहान (Wuhan) प्रशासन ने वायरस के फैलाव को छिपाए रखा और सभी सबूतों को नष्ट कर दिया, ताकि सच्चाई दुनिया के सामने न आ सके.

माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सर्जन, और वुहान में COVID-19 की जांच में मदद करने वाले प्रोफेसर क्वॉक-युंग युन (Kwok-Yung Yuen) ने बताया कि हुनान वाइल्ड लाइफ मार्केट से न सिर्फ सबूतों को मिटाया गया बल्कि क्लीनिकल फाइंडिग के रिस्पांस को भी धीमा कर दिया गया था. गौरतलब है कि इसी बाजार से वायरस के फैलने की बात कही जाती है.

प्रोफेसर ने कहा, ‘जब हम (जांचकर्ता) हुनान मार्केट पहुंचे तो वहां कुछ भी नहीं था, क्योंकि बाजार को पहले ही साफ किया जा चुका था. स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र को डिसइन्फेक्ट कर दिया था और सभी सबूत नष्ट कर दिए थे. आप कह सकते हैं कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी, क्योंकि मार्केट को पूरी तरह साफ कर दिया गया, जिससे हम यह पता नहीं लगा सके कि कोरोना वायरस किस जानवर से इंसान में पहुंचा’.

प्रोफेसर क्वॉक-युंग युन ने आगे कहा कि मुझे शक है कि प्रशासन वुहान में कुछ छिपा रहा है. स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में जल्द से जल्द जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. वायरस को लेकर जिस तरह का रवैया प्रशासन ने अपनाया उससे यही साबित होता है कि कुछ न कुछ छिपाने का प्रयास किया गया है.

अमेरिका सहित दुनिया के कई देश वायरस को छिपाने और सही समय पर जानकारी नहीं देने के लिए चीन को दोषी करार देते आ रहे हैं. हालांकि, ये बात अलग है कि बीजिंग इन आरोपों से इंकार करता रहा है. पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान में कोरोना का पहला मामला सामने आया था, जिसके बाद यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया. अब तक 16 मिलियन से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 648,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.


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