कोरोना डाल रहा ‘मर्दानगी’ पर असर, वायरस स्‍पर्म के शेप में बदलाव करने में सक्षम

आने वाले समय में आबादी बढ़ने की जगह घटनी शुरू हो जाएगी. क्योंकि कोरोना वायरस से मर्दों के स्पर्म का शेप ही बदलने का खतरा मंडरा रहा है.

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कोरोना का सबसे बड़ा खतरा
कोरोना का सबसे बड़ा खतरा
दुनिया में बहुत सारे देशों की सबसे बड़ी समस्या है, उनकी तेजी से बढ़ती आबादी. कम से कम भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे एशियाई देश और अफ्रीकी महाद्वीर के 80 फीसदी देशों के सामने सबसे बड़ी समस्या लगातार बढ़ रही आबादी है, जिसके लिए पौष्टिक आहार, सुरक्षित जीवन शैली उपलब्ध कराने में सरकारों के पसीने छूट रहे हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकारें परिवार नियोजन का नारा दे रही हैं और नसबंदी कराने पर प्रोत्साहन भी दे रही हैं. लेकिन लगता है कि कोरोना ने उनकी इस समस्या को दर्दनाक तरीके से खत्म करने का बीड़ा उठा लिया है.

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बढ़ने की जगह घटने लगेगी आबादी!
बढ़ने की जगह घटने लगेगी आबादी!
कोरोना की वजह से दुनिया की तेजी से बढ़ती आबादी पर लगाम लग जाएगी, क्योंकि कोरोना का सबसे बड़ा खतरा अब प्रजनन पर मंडरा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण पुरुषों को नपुंसकता की तरफ ढकेल रहा है. अगर ऐसा है, तो आने वाले समय में आबादी बढ़ने की जगह घटनी शुरू हो जाएगी. क्योंकि कोरोना वायरस से मर्दों के स्पर्म का शेप ही बदलने का खतरा मंडरा रहा है.

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पूरी दुनिया के पुरुषों पर खतरा!
पूरी दुनिया के पुरुषों पर खतरा!
ओपन बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक शोधपत्र के मुताबिक कोरोना वायरस पूरी दुनिया के पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल सकता है. ऐसा इसलिए भी है कि कोरोना वायरस महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर ज्यादा कारगर तरीके से हमला कर रहा है. शोधकर्ताओं को इस बात की आशंका है कि कोरोन वायरस (SARS-CoV-2) पुरुषों के प्रजनन सिस्टम को बिगाड़ सकता है और ये भी हो सकता है कि कोरोना का संक्रमण यौन संबंध बनाने के दौरान भी फैलने लगे. हालांकि कुछ समय पहले आए एक शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि यौन संबंध बनाते समय भी शारीरिक दूरी को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि इससे कोरोना वायरस के प्रसार में मदद मिलती है.

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अंडकोशों पर निशाना बनाने में सक्षम कोरोना वायरस!
अंडकोशों पर निशाना बनाने में सक्षम कोरोना वायरस!
शोध पत्र में छपी जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस ACE2 receptors की वजह से अंडकोशों को निशाना बना सकता है, इसकी वजह से पुरुषों का प्रजनन तंत्र कमजोर पड़ सकता है. और ऐसे में जो शुक्राणु शरीर में बनेंगे, वो इतने कमजोर होंगे कि मादा के अंडाणुओं को भेद ही न पाए. ऐसी सूरत में लोगों के पास IVF क्लीनिक्स के पास जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा. यही नहीं, अभी कोरोना वायरस जिस तरह से फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, उस तरह अगर इसका असर पुरुषों के जननांग पर पड़ने लगा, तो शायद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या भी बढ़ जाए. वहीं, तनाव बढ़ने से अन्य बीमारियां भी घेरने में वक्त नहीं लगाएंगी.

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दुनिया के कई देश अभी से परेशान
दुनिया के कई देश अभी से परेशान
दुनिया के कई देश मसलन इटली, जापान, चीन, नॉर्वे, स्वीडन जैसे देशों में आबादी बढ़ने की जगह घट रही है. इन देशों की बड़ी आबादी बुजुर्ग हो चली है और देश का भार उठाने के लिए युवाओं की संख्या कम पड़ रही है. ऐसे में कोरोना महामारी की वजह से भारत, पाकिस्तान जैसे देशों में नपुंसकता की मार पड़ी, तो अगले 30-40 सालों में ऐसी आबादी की बड़ी संख्या होगी, जिनके घरों में बच्चे नहीं होंगे और वो आबादी बुजुर्ग होने की वजह से सरकारों पर निर्भर हो जाएगी.


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