भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग आयोग है. उसी तरह अब प्रदेश में आर्थिक आधार पर सवर्ण आयोग बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों का भी हर योजना पर पूरा हक है. इसलिए हमारी सरकार ने तय किया है कि मध्य प्रदेश में सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा.
रीवा में की थी घोषणा
गणतंत्र दिवस के मौके पर रीवा में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर वर्ग का संतुलित विकास करने का ध्यान रखा जाना चाहिए. इसलिए समाज के हर वर्ग का कल्याण करते हुए हमारी सरकार आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का यह हक है कि सभी को समान आधिकार मिलना चाहिए. इसलिए मध्य प्रदेश में सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए सवर्ण आयोग बनाया जाएगा. आखिर इस वर्ग को भी सबके समान अधिकार पाने का हक है.
सामान्य वर्ग के निर्धनों को मिलेगा हर योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवर्ण वर्ग को लोगों को हर योजना का लाभ मिले इसकी जिम्मेदारी सरकार की होती है. इसलिए जिस तरह प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक आयोग पहले से बना हुआ है. जिसके तहत इन वर्गों के लोगों को सभी लाभ दिए जाते हैं. लेकिन सामान्य वर्ग के निर्धनों को भी सभी लाभ मिल सके. यही वजह है कि हमने सवर्ण आयोग बनाने का फैसला किया है.
मध्य प्रदेश में है 22 प्रतिशत सवर्ण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सवर्ण आयोग बनाए जाने की घोषणा एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. दरअसल, मध्य प्रदेश में जातीय आधार पर देखा जाए तो प्रदेश में 22 प्रतिशत सवर्ण आबादी है. खास बात यह है कि जिस विंध्य अंचल में सीएम ने यह घोषणा की है. वहां सबसे ज्यादा सवर्ण वर्ग रहता है. 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सपाक्स, सवर्ण समाज जैसी पार्टियां चुनावी मैदान में उतरी थी. इस लिहाज से सीएम के इस ऐलान को आने वाले नगरीय निकाय चुनाव के नजरिए से एक बड़ा दांव माना जा रहा है.
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राजनीतिक जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश में सवर्ण वोट बैंक का रूझान जिस पार्टी की तरफ होता है. उसे फायदा मिलता है. लिहाजा बीजेपी अभी से सभी वर्गों को साधने की तैयारी में जुटी है. खास बात यह है कि विंध्य अंचल से कई बार सवर्ण आयोग बनाए जाने की मांग भी उठ चुकी है. राजनीतिक जानकार यह भी मानते हैं कि जिस तरह से विंध्य अंचल के सीनियर बीजेपी विधायकों को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. उससे यहां नाराजगी भी दिख रही है. ऐसे में सीएम शिवराज ने विंध्य में ही सवर्ण आयोग बनाए जाने का फैसला किया है.
विंध्य प्रदेश की उठ रही है मांग
खास बात यह भी है कि विंध्य अंचल के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार अलग विंध्य प्रदेश बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने सीधी जिले के चुरहट में करीब 300 गाड़ियों को काफिले के साथ विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर एक रैली भी निकाली है. जबकि नारायण त्रिपाठी खुद भी सवर्ण आयोग बनाए जाने के पक्ष में हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से लगातार विंध्य अंचल के नेताओं को साधने की कवायत का एक हिस्सा भी सवर्ण आयोग का गठन करना माना जा रहा है.
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