सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में मिलेंगे कई बड़े फायदे

Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स 2021-22 का अगला राउंड सब्सक्रिप्शन के लिए सोमवार से पांच दिनों तक खुलेगा. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि ये गोल्ड बॉन्ड अगले वर्ष मार्च तक चार राउंड में बेचे जाएंगे. इनकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, पोस्ट ऑफिस और स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए की जाएगी.

इन बॉन्ड्स को केंद्र सरकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगा. इसके लिए प्राइस सब्सक्रिप्शन की अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन दिनों में इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की ओर से पब्लिश किए गए 999 प्योरिटी के गोल्ड के क्लोजिंग प्राइस के औसत के आधार पर तय किया जाएगा.

बॉन्ड्स का टेन्योर आठ वर्षों का 
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का प्राइस ऑनलाइन खरीदने और डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वालों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा. बॉन्ड्स का टेन्योर आठ वर्षों का होगा और इनसे पांचवें वर्ष के बाद एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा.इनवेस्टर्स को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत का फिक्स्ट इंटरेस्ट रेट मिलेगा. इनमें कम से कम 1 ग्राम गोल्ड खरीदना होगा. सब्सक्रिप्शन की अधिकतम लिमिट एक व्यक्ति के लिए चार किलोग्राम की है. इसके लिए KYC नॉर्म्स फिजिकल गोल्ड खरीदने के समान होंगे. यह स्कीम फिजिकल गोल्ड की डिमांड को कम करने के उद्देश्य से लॉन्च की गई थी.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत नवंबर 2015 में सरकार द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत, RBI द्वारा भारत सरकार के परामर्श से निर्गमों को अंशों में सदस्यता के लिए खुला रखा जाता है. RBI समय-समय पर योजना के नियमों और शर्तों को अधिसूचित करता है. RBI के निर्देशों के अनुसार “प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशक को जारी किया गया ‘पैन नंबर’ होना चाहिए, क्योंकि निवेश के लिए पहले / एकमात्र आवेदक का पैन नंबर अनिवार्य है.

कौन कर सकता है निवेश
कोई भी व्यक्ति जो भारत में निवासी है, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं. बांड की अवधि 8 वर्ष की अवधि के लिए है और 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तिथियों पर प्रयोग करके बाहर निकलने का विकल्प भी है.

कहां से खरीद सकते हैं
बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के माध्यम से बेचे जाते हैं.


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