लापरवाही ॥ भोपाल स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे, इंटीग्रेटेड सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल में खुली पोल
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
स्टेशन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने स्टेशन में सीसीटीवी और मेटल डिडेक्टर लगाया है। स्टेशन पर आने – जाने वाले यात्रियों की जांच करने लिए जवान नदारद रहते है। मेटल डिडेक्टर चालू है मगर तैनात किए गए जवान गायब रहते है।
इंटीग्रेटेड सुरक्षा के पैमाने पर खरा उतरने में अभी भोपाल रेलवे स्टेशन को लंबा समय लगेगा, जबकि इसके मानक के अनुरूप कई सुरक्षा उपकरण लगे हैं, लेकिन अभी इन्हें भी ठीक तरीके से संचालित करने का सिस्टम ही पूरी तरह से फेल है। इसकी पड़ताल के लिए सच एक्सप्रेस ने रात 11 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन के महत्वपूर्ण सुरक्षा के प्वाइंट पर जांच तो दूर वहां लगे मेटल डिक्टेटर व लगेज स्कैनर मशीन चालू रहे , मगर वहां मौजूद रहने वाले जवान गायब थे ।ये मशीन हांलकि कभी – कभार ही चालू रहती है। अगर चालू हुईं तो वहां से आरपीएफ के जवान ही नदारत रहते हैं। ऐसे में जाहिर है कि सुरक्षा में चूक आए दिन हो ही जाती है। कई बार चेकिंग के अभाव में स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक मादक पदार्थों की तस्करी करने के मामले भी सामने आए हैं। रेलवे स्टेशन में कुछ ऐसे सुरक्षा प्वाइंट हैं, जहां सुरक्षा के लिए जवान ही तैनात नहीं हैं। इसके पीछे आरपीएफ का तर्क होता है , कि फोर्स की कमी है। ए वन कैटेगरी में शामिल होने के बाद स्टेशन की सुरक्षा के लिए तय किए गए मापदंडों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्टेशन के कई ऐसे प्वाइंटस् है, जहां से आसमाजिक तत्वों और चोर आए दिए प्लेटफार्मों पर पकड़े जाते है। इसके बावजूद स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात नहीं रहते है।
स्पॉट-नंबर एक वीआईपी गेट
यहां मेटल डिटेक्टर गेट लगे हैं, लेकिन ये ठीक तो कभी खराब ही रहता है। यहां आरपीएफ के जवान तैनात नहीं रहते। हां, अगर कही वीआईपी दौरा होता है तब ही यहां जवानों की मौजूदगी रहती है। बाकी सामान्य दिनों में कभी कभार ही ड्यूटी देते हैं। यहां जब की सच एक्सप्रेस की टीम पहुंची तो पाया कि कोई भी इस मशीन से होकर नहीं गुजर रहा था। न ही मौके पर आरपीएफ के जवान थे।
स्पॉट-नंबर दो: टिकट बुकिंग से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जाने के लिए लगा लगेज स्कैनर चालू था, इधर से जाने वाले यात्रियों के लगेज जांचने के लिए वहां कोई जवान नहीं दिखा। यात्री बिना लैगेज जांच कराए ही बेधड़क प्लेटफार्मों पर जा रहे थे। यहां भी अक्सर लैगेज स्कैनर बंद रहता है।
स्पॉट-नंबर तीन: पार्सल घर की ओर से प्लेटफॉर्म के लिए प्रवेश द्वार है, जहां कोई जांच मशीन नहीं है। ऐसे में वहां असामाजिक तत्वों की आवाजाही 24 घंटे रहती है। जबकि इंट्रीग्रेटेड सुरक्षा के तहत अभी तक यहां सुरक्षा के उपकरण नहीं लगाए गए हैं।
कई बार तस्कर भी धराए हैं
यहां प्लेटफॉर्म पर कई बाद गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ पकड़े गए हैं। इसके अलावा वेटिंग हाल और स्टेशन पर बैग आदि लेकर भागते रंगेहाथ चोर पकड़े जा चुके हैं।
अभी तक ये है सुरक्षा अपडेट
यहां 55 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। संवेदनशील ट्रेनों में सतत निगरागी के लिए ऑपरेशन हॉक के तहत 4 जवान रहते हैं तैनात। हेल्प लाइन नंबर 182 की व्यवस्था है।
कहां फेल है स्टेशन की इंटीग्रेटेड सुरक्षा
भोपाल स्टेशन पर कई ऐसे रास्ते है , जहां से लोग आते – जाते है। इन रास्तों को ना तो बंद किया गया है और ना ही जवान तैनात रहते है। इस बीच छह नंबर प्लेटफार्म का निर्माण चल रहा है। प्लेटफार्म पर सुरक्षा के लिए जवान नहीं रहते है। इंटीग्रेटेड सुरक्षा के तहत भले ही उपकरण लगाए गए है। लेकिन मेंटिनेंस के आभाव से कई बार खराब हो जाते है।
भोपाल स्टेशन परजीआरपी के 24 जवान तैनात किए जाते है। शायद आप जब पड़ताल करने के लिए गए उनकी ड्यूटी बदलने का समय होगा। इसलिए दिखाई नहीं दिए होगें। हम प्रयास कर रहे है कि स्टेशन पर और जवान तैनात किए जाए।
> हेमंत श्रीवास्तव, थाना प्रभारी , जीआरपी,भोपाल
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