टकराव: कोयले की कमी के चलते 11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, छत्तीसगढ़ सीएम ने केंद्र पर साधा निशाना

कोयले की कमी से देश में बिजली संकट पैदा हो गया है। करीब एक दर्जन राज्यों में कोयले की कमी के चलते बिजली संयंत्र बंद होने के कगार पर हैं।  जल्द ही इस पर काबू नहीं पाया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। वहीं, केंद्र कोयले की कमी के दावे को खारिज कर रहा है। ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है। 

विस्तार
देश  में कोयले की कमी  के चलते के कई राज्यों में बिजली संकट की आशंका गहरा गया है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है। वहीं, केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्री ने देश में कोयले की कमी नहीं होने का दावा किया है। केंद्र सरकार के इस दावे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर तीखा हमला बोला है।

भूपेश बघेल ने सवाल किया कि अगर देश में कोयला की पर्याप्त मात्रा है तो देश भर में बिजली संयंत्र क्यों बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा “केंद्र का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, लेकिन बिजली संयंत्र बंद हो रहे हैं।  यह झूठे दावे क्यों किए जा रहे हैं, कोयला आयात बंद होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आखिर केंद्र सरकार इस पर क्या सोच रही है।

कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं- बघेल
 उन्होंने कहा, “जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, मैंने कोयले की आपूर्ति को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिजली और रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी।”

दिल्ली में कोयले की भारी किल्लत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि उनके यहां के बिजली संयंत्रों में केवल एक ही दिन का कोयला बचा रह गया है। ऐसे में यदि जल्द आपूर्ति नहीं की गई तो संयंत्र बंद हो सकते हैं। केजरीवाल के अलावा दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी को पहले की आधी बिजली मिल रही है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को पहले 4,000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब उसे आधी भी नहीं मिल रही है। ज्यादातर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक 15 से कम नहीं होना चाहिए। स्टॉक केवल दो से तीन दिनों के लिए बचा है। एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को 50-55 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है, “

बिहार में कई प्लांट बंद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संभावित कोयले की कमी के मुद्दे को लेकर चिंता जताई है। नीतीश कुमार ने कहा कि कोयले की कमी से कई प्लांट बंद होने की स्थिति में है। राज्य सरकार अपनी आवश्यकतानुसार एनटीपीसी या निजी कंपनियों से कोयला खरीदती है, लेकिन आपूर्ति अब प्रभावित है। मुजफ्फरपुर और बेगूसराय समेत कई जिलों में कोयले की कमी के चलते बिजली संयंत्र बंद हो गए हैं। 

कर्नाटक में बिजली की कमी
पंजाब, दिल्ली और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने-अपने राज्यों में बिजली संयंत्रों को कोयले और गैस की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। वहीं कर्नाटक सरकार ने भी कोयले की कमी का मुद्दा उठाया है। कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू के कई इलाकों में आठ से 10 घंटे बजली कटौती हो रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केंद्र से कोयला आपूर्ति की मांग की है। 

गृहमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने स्पष्ट कर दिया  है देश में बिजली आपूर्ति जारी रहेगी। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश में पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने ऊर्जा मंत्री और कोयला मंत्री समेत आला अधिकारियों के साथ बैठक की। 


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