जामोद के बाद तरुण राठी पर लटकी तलवार, एसडीएम को भी हटाया

प्रशासनिक संवाददातता ॥ भोपाल
अशोक नगर कलेक्टर पद से हटाए गए बीएस जामोद के बाद शिवपुरी कलेक्टर तरुण राठी पर भी चुनाव आयोग की टेढ़ी नजर है। माना जा रहा है कि आज दोपहर तक चुनाव आयोग राठी को भी हटाने के आदेश जारी कर सकता है।
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में सीधे मुख्य चुनाव आयोग आयुक्त ओपी रावत से चर्चा कर कलेक्टर पर पक्षपात का आरोप सबूतों के साथ लगाया है। कहा जा रहा है कि आयोग शिवपुरी कलेक्टर तरूण राठी की भूमिका से भी संतुष्ट नहीं है। मुगावली की तत्कालीन एसडीएम सुमन लता माहौर को भी आयोग के निर्देश पर सस्पेंड कर दिया। मध्यप्रदेश में बीते चार-पांच सालों के दौरान हुए लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों कलेक्टरों की सहानुभूति सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवारों के साथ रहती है। सरकार का साथ देने के मामले में चुनाव आयोग इससे पहले कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को चुनाव से ऐनवक्त पहले हटा चुका है। अटेर उपचुनाव के दौरान चुनाव आयोग कलेक्टर इलैया राजा टी और पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह को हटाने के आदेश दिए थे। हालांकि उपचुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार ने इन दोनों अफसरों को फिर से उसी पद पर तैनात कर दिया था। इससे पहले वर्ष2016 में शहडोल लोकसभा के उपचुनाव के दौरान भी अनूपपुर कलेक्टर अजय सिंह की भूमिका को चुनाव आयोग ने संदिग्ध माना था। तब आयोग ने अजय सिंह की भी मतदान से पहले छुट्टी कर दी थी। उनकी जगह आलोक सिंह को कलेक्टर बनाया गया था। हालांकि यहां भी चुनाव के बाद अजय सिंह को वापस अनुपपुर जिले की कलेक्टरी सरकार ने सौंप दी थी।
उपचुनावों के दौरान सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार को अपरोक्ष रूप से समर्थन करने के मामले में प्रदेश की नौकरशाही हमेशा ही सवालों के घेरे में रही है।
ज्यादातर मामलों में चुनाव आयोग ने शिवराज सरकार को झटका देते हुए अफसरों को हटाया है।


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