एक गांव जहां फरवरी में मनाते हैं क्रिसमस

क्विनामायो ॥ एजेंसी
क्विनामायो में फरवरी में क्रिसमस क्यों मनाया जाता है इसके पीछे गांव वाले खास कारण बताते हैं, वो कहते हैं कि फरवरी में क्रिसमस मनाने की परंपरा उनके पुरखों के जमाने से चली आ रही है, उस वक्त वो लोग गुलाम थे, जिन्हें 24 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की इजाजत नहीं थी। उन्हें क्रिसमस के लिए कोई और दिन चुनने को कहा गया।
तब इन गांव वालों के पुरखों ने फरवरी के मध्य में क्रिसमस मनाने का फैसला किया और तबसे आजतक ये परंपरा यू हीं चली आ रही है। गांव वालों का कहना है कि इस परंपरा को सहेजने में युवा पीढ़ी का अहम किरदार है। क्विनामायो गांव के लोग इस दिन काले शिशु ईसा मसीह की प्रतिमा की आराधना करते हैं। इस रंगारंग जश्न के दौरान आतिशबाजी के साथ लोग नाच-गाना करते हैं। इस इवेंट का आयोजन करने वाले होल्म्स लाराहोंडो कहते हैं, हमारे समुदाय की मान्यता है कि किसी भी महिला को जन्म देने के बाद 45 दिन का उपवास करना होता है, इसलिए हम दिसंबर की बजाए फरवरी में क्रिसमस मनाते हैं, ताकि मैरी भी हमारे साथ डांस कर सके। 53 वर्षीय शिक्षिका बाल्मोरस वायाफरा ने एजेंस फ्रांस प्रेस को बताया कि 24 दिसंबर का दिन उनके लिए किसी भी आम दिन की तरह है, लेकिन ये जश्न एक पार्टी की तरह है जहां हम अपने प्रभु के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। इस जश्न के तहत गांव वाले घर-घर जाकर शिशु यीशु को ढूंढ़ते हैं, यीशु की ये प्रतिमा लकड़ी की होती है, जिसे कोई भी एक गांववाला अपने घर में पूरे साल के लिए सुरक्षित रखता है, प्रतिमा मिल जाने पर उसे पूरे गांव में घुमाया जाता है। इस परेड में गांव के हर उम्र के लोग शामिल होते हैं।
ये लोग परियों और सिपाहियों की पोशाक पहने होते हैं। इस दौरान एक ख़ास तरह का नृत्य फूगा (एस्केप) किया जाता है, इस डांस में लोग हाथ-पैर में बेड़ी लगाए हुए दासों के कदमों की नकल करते हैं।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें