सर्वेक्षण से पहले दस्तावेज बनाने टीम पहुंची भोपाल

नगर निगम की रिपोर्ट को बनाएगी आधार
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए भोपाल नगर निगम की तैयारियों को परखने और कसौटी पर जांचने के लिए केंद्र सरकार की दो सदस्यीय टीम आज भोपाल में है। नगर निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए सौंपी गई रिपोर्ट को परखने के बाद यह टीम आज सिर्फ दस्तावेज तैयार कर रही है।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में भोपाल की साख दांव पर लगी है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में दूसरे नम्बर की पोजीशन को बरकरार रखना भोपाल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अबकी बारी नम्बर-1 की तैयारी के नारे के साथ नगर निगम ने जनजागरूकता अभियान तो चलाया है, लेकिन मैदानी स्तर पर सफाई में बहुत सी खामियां है। केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज दो सदस्यीय टीम भोपाल में है, जो नगर निगम की रिपोर्ट के आधार पर दस्तावेजीकरण करेगी, जिसके आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए सर्वेक्षण टीम भोपाल आएगी और सर्वे करेगी। नगर निगम सूत्रों की मानें तो दो सदस्यीय टीम माता मंदिर स्थित नगर निगम कार्यालय में स्वच्छता के लिए नगर निगम द्वारा किए गए कार्य के आधार पर बनी रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, जिसमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, रहवासी संघ, कचरा कलेक्शन सेंटर, कबाड़ से जुगाड़, चाय पर चर्चा जैसे विषयों के अलावा आनलाइन सर्वेक्षण के लिए लोगों द्वारा दिए गए सुझावों को अध्ययन कर रही है। इसी रिपोर्ट के आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए केंद्र सरकार की टीम अगले चरण में सर्वेक्षण के लिए भोपाल आएगी। वर्ष 2017 के सर्वेक्षण की तुलना में नागरिकों की प्रतिक्रिया के लिए कुल वेटेज और स्वच्छता पर स्वतंत्र अवलोकन के लिए 10 प्रतिशत की वृद्धि केंद्र सरकार ने की गई है। स्वच्छता के अभिनव तरीकों और समाधानों के लिए शहरों को बढ़ावा देने के लिए एक नया मानदंड अभिनव शुरू किया गया है जिसके लिए 5 प्रतिशत वेटेज रखा गया है। हाल के सर्वेक्षण में शौचालयों में जलापूर्ति की उपलब्धता, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की परिचालन और प्रबंधन राशि तथा उपभोग शुल्क यूजर चार्ज, एसडब्ल्यूएम बुनियादी ढांचे, विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व, नगर निगम कर आदि की रिकवरी का मूल्यांकन किया जाएगा। गीले कचरे का प्रबंधन, स्रोत पर ही नगर निगम के कचरे को अलग-अलग करना, विकेंद्रीकृत कम्पोस्ट खाद बनाने आदि के लिए वेटेज 5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। प्रचलन पर ध्यान देते हुए इस सर्वेक्षण में राज्य और शहर की सरकारों द्वारा यूजर चार्ज लेने, कम्पोस्ट खाद की बिक्री और मार्केटिंग को पुरस्कृत किया जाएगा। स्वच्छता कर्मचारियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति, कूड़ा एकत्रित करने वाले वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग और सार्वजनिक शौचालयों के प्रबंधन से संबंधी जारी अधिसूचनाओं के परिणामों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। स्वच्छता बुनियादी ढांचे और सेवा के स्तर में सुधार की प्रगति के बारे में शहरों के दावों की सख्त जांच सुनिश्चित करना।
स्वच्छता के मानदंड और मूल्यांकन वेटेज
मानदंड वेटेज
खुले में शौच से मुक्ति 30 प्रतिशत
ठोस कचरे को एकत्रित कर ले जाना 30 प्रतिशत
ठोस कचरे का प्रसंस्करण और निपटान 25 प्रतिशत
सूचना, शिक्षा तथा संचार 5 प्रतिशत
क्षमता निर्माण 5 प्रतिशत
नवाचार 5 प्रतिशत
सर्वेक्षण के लिए 4000 अंक
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के अंतर्गत कुल 4000 अंकों के लिए विभिन्न वेटेज के साथ 71 स्वच्छता संबंधी मानदंडों के आधार पर शहरों की रैंकिंग होगी।
सफाई टीम नजर आई किट में
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की टीम आज मैदानी स्तर पर पूरी किट में नजर आई। सफाई कर्मचारियों के हाथों में गलब्ज थे, तो चेहरे पर मास्क और जैकेट भी पहने हुए थे। इतना ही नहीं सुबह 7 बजे से पहले से नगर निगम अधिकारियों की टीम फिल्ड में नजर आई। सफाई के लिए सफाई कर्मचारी शहर के प्रमुख मार्गों की सफाई और कचरा उठाते भी जनर आई।
निगेटिव अंक का प्रावधान
इस बार के सभी सर्वेक्षण में सभी मानदंडों के संदर्भ में निगेटिव अंक का भी प्रावधान है। जिसके तहत शहर की नगर निगम द्वारा किए गए दावे यदि स्वतंत्र आकलनकर्ताओं द्वारा गलत पाए गए, तो ऐसे मानदंडों के संदर्भ में 0 अंक के अलावा उन्हें 33 प्रतिशत निगेटिव अंक दिए जाएंगे।
4041 शहरों से है भोपाल की प्रतिस्पर्धा
स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के अंतर्गत 4041 शहरों और कस्बों को कवर किया जा रहा है। इसके परिणाम मार्च 2018 में घोषित किए जाएंगे। इसके लिए अन्य 500 शहरों और कस्बों की राष्ट्रीय रैंकिंग के अलावा 3541 कस्बों, राज्य और क्षेत्रीय रैंकिंग की भी घोषणा की जाएगी।


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