संगठन का असंतोष,  आदिवासियों से दूरी मिटाने में जुटी कांग्रेस जबलपुर में पार्टी नेताओं से वन टू वन करेंगे बावरिया, आदिवासी सम्मेलन कल

 

मुख्य प्रतिनिधि, भोपाल

विधानसभा चुनावों के लिए मैदानी कसावट तेज करते हुए प्रदेश संगठन में बने असंतोष के साथ ही पार्टी के परंपरागत मतदाताओं को साधने की  कवायद कांग्रेस ने शुरू कर दी है। इस मुहिम की शुरूआत प्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया जबलपुर से कर रहे हैं। पहले यहां के सभी कांग्रेस नेताओं को बंद कमरे में एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए मैदानी कार्यक्रमों के प्रति सक्रिय किया जाएगा। इसके बाद पार्टी के परंपरागत वोटर्स माने जाने वाले आदिवासियों वर्ग को साधने के लिए आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

कसावट की कवायद तेज करते हुए प्रभारी महासचिव बावरिया ने अब जिलों में डेरा डालना शुरू कर दिया है। प्रदेश का प्रभार संभालने के बाद लगातार दौरे कर रहे प्रभारी महासचिव आज जबलपुर पहुंच गए हैं। वे वहां जबलपुर शहर व ग्रामीण के वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। आज शाम जबलपुर ग्रामीण के वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं से वन टू वन चर्चा करेंगे। वन टू वन चर्चा का दौर कल भी जारी रहेगा। बावरिया भोपाल रवाना होने से पहले ग्रामीण के साथ ही जबलपुर शहर के नेताओं से भी बातचीत करेंगे।

महाकौशल से उठा था असंतोष

प्रदेश की राजनीति में मालवा और महाकौशल का अपना महत्व है। सांसद कमलनाथ के प्रभाव वाले इस क्षेत्र से ही पिछले दिनों प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ असंतोष प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की बैठक में उठा था। विधायकों के साथ ही महाकौशल के नेताओं ने भी बावरिया के सामने संगठन को लेकर सवाल उठाए थे। माना जा रहा है कि इसी असंतोष को देखते हुए बावरिया ने भोपाल के बाद अपना पहला बड़ा पड़ाव जबलपुर को बनाया है। बावरिया ्रप्रदेश का प्रभार संभालने के बाद से ही संगठन में एकजुटता बनाने के प्रयास में जुटे हैं।

आदिवासी सम्मेलन कल

संगठन में कसावट के बीच कांग्रेस ने अपने परंपरागत आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद भी शुरू कर दी है। कांग्रेस नेत्री कौशल्या गोटिया ने क्षेत्र में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया है। बावरिया जबलपुर के नेताओं के साथ इस सम्मेलन में शामिल होंगे। आदिवासियों को केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किए गए वन अधिकार कानून के साथ ही भाजपा की सरकारों द्वारा इस कानून की धज्जियां उड़ाने की जानकारी भी दी जाएगी। प्रदेश सहित देशभर में आदिवासी वर्ग को कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। मगर पिछले चुनावों में यह वोटर्स भी कांग्रेस के हाथ से फिसलता नजर आया है। इसी के चलते कांग्रेस अब इस वोट बैंक को साधने में जुट गई है।

25 को आएंगे भोपाल

प्रभारी महासचिव जबलपुर के बाद 25 फरवरी को भोपाल आएंगे। वे यहां प्रदेश कांग्रेस में प्रदेश पदाधिकारियों, जिला शहर अध्यक्षों एवं विधायकों, मोर्चा संगठनों, विभागों के प्रदेश अध्यक्षों, जिला पंचायत, नगर पालिकाए नगर परिषद के अध्यक्षों की संयुक्त बैठक लेंगे। भोपाल के बाद इंदौर में बैठकों का दौर शुरू होगा। यहां भी बावरिया शहर व ग्रामीण के वरिष्ठ नेताओं, कांग्रेसजनों के साथ खुली चर्चा करेंगे। पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चा के बाद बावरिया मंदसौर भी जाएंगे। यहां वे आदिवासी क्षेत्रों में पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के नेतृत्व में निकाली जा रही पद यात्रा में शामिल होंगे।


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