गर्मी की दस्तक के साथ ही नजर आने लगा जलसंकट

दमोह ॥ सच एक्सप्रेस
गर्मी की दस्तक शुरू होते ही जिलेभर में तेजी से गिरते जलस्तर के कारण लोगों को पेयजल संकट की ओर झुकने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है, जैसे- जैसे जलस्तर गिरता जा रहा है और कुंए, बोरवेल के अलावा जो भी जलस्त्रोत है उनका जलस्तर कम होता जा रहा है। वैसे- वैसे पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है और अब आम लोग पीने के पानी के लिए परेशान होने लगे है।
जल संकट से निपटने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक किसी भी प्रकार की कोई वैकल्पिक व्यवस्था प्रारंभ नहीं की गई है बल्कि अभी इस दिशा में नगरीय निकाय व पीएचई द्वारा कोई ठोस उपाय तक भी विचार विमर्श नहीं किया गया है। यहीं कारण है कि जिले के अनेक ग्रामीण क्षेत्र ऐसे है, जहां अभी से लोगों को दूर- दूर तक एक से दो- तीन किमी दूर तक पेयजल को लेने को जाना पड़ रहा है। वहीं शहर की हालत भी इतनी अच्छी नहीं है कि लोगों को पेयजल संकट से मुक्ति मिल सके। जिले के हटा विकासखण्ड, जबेरा, तेन्दूखेड़ा विकासखण्डों में तो पेयजल का संकट अभी से तेजी से बढऩे लगा है और ग्रामीण क्षेत्र के हैण्डपंपों के बिगडऩे के बाद उनके रख-रखाव का भी कोई सिस्टम न होने के कारण ग्रामीण पेयजल के लिए काफी परेशान है और उनकी समस्या की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है जिस कारण से उन्हें परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायतों के द्वारा पेयजल आपूर्ति की दिशा में किसी भी प्रकार के ठोस कारगर कदम नहीं उठाए जाते है जिससे कि इन समस्याओं से मुक्ति मिल सके। ग्रामीण क्षेत्र की जलआपूर्ति हेतु बनाई गई योजनाएं पूर्ण रूपेण कागजी सिद्ध हो रही है। यहीं कारण है कि ग्रामीण पेयजल के लिए काफी परेशान है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा समस्या के समाधान के लिए तो कागजी स्तर पर तो काम किए जाते है लेकिन पेयजल समस्या से कैसे छुटकारा मिले इसके लिए उनके पास किसी भी प्रकार की रणनीति नहीं है। यहीं कारण है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग कागजों में ही भ्रष्ट कार्यप्रणाली के माध्यम से कार्यो को पूर्ण करने म३ें माहिर होता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जैसे- जैसे तापमान बढ़ रहा है वैसे- वैसे जलस्तर कम होता जा रहा है। शहर में जलसंकट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी २४ घंटे जल आपूर्ति के नाम पर समूचे शहर में बिछाई गई पाइप लाइन और जल आपूर्ति के बाद भी लोगों को दो- तीन के अंतराल से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। अभी तक गर्मी की यह शुरूआती हालत है, तब यह दशा है तो आने वाले समय में किस प्रकार की दुर्दशा होगी, यह सोचनीय प्रश्न है। शहर के लोगों को ट्रैक्स बढऩे के बाद भी पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शहर के ऐसे अनेक वार्ड है, जहां आज भी वार्डवासी बूंद-बूंद पानी को तरसते है और नगर पालिका पानी देने की बात कहते हुए योजनाओं में भी खेल करता रहता है।
शहर में किसी भी नागरिक को पेयजल की कमी ग्रीष्म ऋतु में नहीं आने दी जाएगी। इस हेतु समुचित प्रबंध किए गए है।
कपिल खरे सीएमओ, नपा दमोह

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट के हल हेतु टैंकरों से पेयजल आपूर्ति हेतु व्यवस्था बनाई जा रही है। इसका शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वयन किया जाएगा।
केएस पवार एर्ई, पीएचई दमोह


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