स्टीफन हॉकिंग को थी ये लाइलाज बीमारी, डॉक्टरों ने कहा था 2 साल में हो जाएगी मौत

नई दिल्ली: दुनिया को ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी समझाने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 की उम्र में निधन हो गया है. 1963 में हॉकिंग को लाइलाज मोटर न्यूरॉन बीमारी एमियोट्रोफिक लैटरल स्लेरोसिस (एएलएस) ने जकड़ लिया. उस समय वे सिर्फ 21 साल के थे. इस बीमारी से धीरे-धीरे स्टीफन का शरीर निष्क्रिय होने लगा. उनके हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया. डॉक्टरों ने उस समय हॉकिंग से कहा था कि वे सिर्फ दो साल और जिंदा रह सकेंगे. लेकिन उन्होंने डॉक्टरों के इस दावे को गलत साबित कर दिया.

क्या है एमियोट्रोफिक लैटरल स्लेरोसिस
एमियोट्रोफिक लैटरल स्लेरोसिस मोटर तंत्रिका तंत्र यानि नर्वस सिस्टम का रोग है. इस रोग में मोटर न्यूरॉन की तंत्रिका कोशिकाएं टूटने लग जाती हैं. मोटर न्यूरॉन दिमाक, तंत्रिका प्रणाली और मांसपेशियों के बीच तालमेल बैठाता है. ऐसे में इसके कमजोर होने वे टूटने से मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं. इसके बाद शारीरिक क्रियाएं बाधित होने लगती हैं और धीरे-धीरे व्यक्ति की मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं.


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