मेजर मिनरल के भी अवैध उत्खनन में अव्वल मध्यप्रदेश

प्रशासनिक संवाददाता ॥ भोपाल
खनिज माफिया और अवैध उत्खनन के लिए देशभर में बदनाम मप्र इस बार अवैध उत्खनन के मामले में पूरे देश में टॉप पर है। राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य भी इस मामले में मप्र से पीछे हैं। गौण खनिजों के साथ-साथ मुख्य खनिजों का भी राज्य में जमकर अवैध उत्खनन हो रहा है। वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2016 -17 के बीच मप्र में अवैध के मामलों में 106 .4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह खुलासा भारत सरकार की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। मंगलवार को केन्द्रीय खान मंत्रालय जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते चार सालों में देश में सबसे ज्यादा अवैध उत्खनन मध्यप्रदेश में हुआ है। इस दौरान अवैध उत्खनन के मामलों में राजस्थान में 33.6 प्रतिशत और गुजरात में 52.8 की वृद्धि हुईजबकि मध्यप्रदेश में 106 .4 प्रतिशत ज्यादा मामले सामने आए। केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-2014 में मध्यप्रदेश में मुख्य खनिजों के अवैध उत्खनन के 6 725 मामले सामने आए थे। वर्ष2016 -17 में इनकी संख्या बढ़कर 138 8 0 तक पहुंच गई। मप्र गौण खनिजों के अवैध उत्खनन और परिवहन में हमेशा ही अव्वल राज्य रहा हैलेकिन अब मुख्य खनिजों के अवैध व्यापार को रोकने में भी राज्य सरकार नाकाम साबित हुई है। हालांकि एक तथ्य यह भी है कि अप्रैल 2013 से सितंबर 2917 तक अवैध उत्खनन और परिवहन के मामलों में मप्र सरकार ने करीब 1132 करोड़ का जुर्माना वसूला है, जो किसी भी राज्य में इस अवधि में वसूले गए जुर्माने से अधिक है।
गौण खनिजों के मामले में दूसरे नंबर पर
गौण खनिजों के अवैध उत्खनन को लेकर इसी साल जनवरी में केन्द्र सरकार की रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में मप्र का स्थान दूसरे नंबर पर था, जबकि महाराष्ट्र का पहला स्थान था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि मुताबिक प्रदेश में खनन माफिया लगातार गौण खनिज का अवैध कारोबार कर रहा है। सरकार इसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि पांच साल में अवैध कारोबार के सिर्फ 516 आरोपियों पर कार्रवाई ही हुई।
हर साल अवैध उत्खनन
मुख्य खनिजों के अवैध उत्खनन के मामले में मप्र में साल दर साल बढ़े हैं। वर्ष2013-14 में 6 725 मामले सामने आए थे तो वर्ष2014-15 में इनकी संख्या बढ़कर 8 173 हो गई। वर्ष2015-16 में 136 27 मामले दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2016 -17 में इनकी संख्या 138 8 0 तक पहुंच गई।


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