बंद होगी चीन की फेक न्यूज फैक्ट्री, भारत की एक और ‘डिजिटल’ स्ट्राइक

नई दिल्ली: सरकार ने न्यूज एग्रीगेटर्स (news aggregators) और न्यूज एजेंसीज (news agencies) को डिजिटल मीडिया में 26 परसेंट विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का पालन करने का आदेश दिया है. जारी किए गए नियमों के मुताबिक कंपनी का CEO एक भारतीय होना चाहिए, और सभी विदेशी कर्मचारी जो 60 दिन से ज्यादा से काम कर रहे हैं, उन्हें सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना होगा.

26 परसेंट FDI के नियम से चीन और दूसरी विदेशी कंपनियों पर नकेल कसी जाएगी जो भारत के डिजिटल मीडिया में निवेश कर रहे हैं. Daily Hunt, Hello, US News, Opera News, Newsdog जैसी कई चीनी और विदेशी कंपनियां इस वक्त देश में काम कर रही हैं. वो भारत के हितों को चोट पहुंचा सकते हैं और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तरह भारत में भी असर डाल सकते हैं.

अगस्त 2019 में कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया में 26 परसेंट FDI को मंजूरी दी थी. Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) के नए आदेश के मुताबिक अब इन सभी कंपनियों को एक साल के भीतर केंद्र सरकार की मंजूरी लेकर 26 परसेंट विदेशी निवेश के कैप का पालन करना होगा.
सभी डिजिटल मीडिया न्यूज संस्थानों को शेयरहोल्डिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए एक साल का वक्त दिया गया है.

DPIIT का कहना है कि हमें स्टेकहोल्डर्स की तरफ इस फैसले पर कुछ सफाई मांगी गई थी. इन सवालों पर विचार विमर्श के बाद ये साफ किया गया है कि 26 परसेंट विदेशी निवेश का फैसला कुछ तय कंपनियों पर लागू होगा जो भारत में रजिस्टर्ड हैं और मौजूद हैं.

ये नियम आत्म निर्भर भारत और जिम्मेदार डिजिटल न्यूज मीडिया का एक इकोसिस्टम तैयार करने के मकसद से लाया गया है. कंपनियों को कुछ और शर्तों का भी पालन करना होगा, जैसे कंपनी के बोर्ड में ज्यादातर डायरेक्टर्स भारतीय होने चाहिए. कंपनी का CEO भी एक भारतीय ही होना चाहिए. इसके अलावा कंपनी में उन सभी विदेशी कर्मचारियों को सरकार से क्लीयरेंस लेना होगा जो साल में 60 दिन से ज्यादा काम कर रहे हैं. सरकार के इस कदम से डिजिटल मीडिया पर फेक न्यूज की बाढ़ पर लगाम लगेगी,


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