सूखी सेवानिया में टकराईं ट्रेन, भोपाल से दौड़ीं एंबुलेंस

माक ड्रिल कर रेलवे ने परखी स्टाफ की सक्रियता
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
भोपाल से विदिशा जाने के लिए भोपाल से ट्रेन रवाना हुई। यह ट्रेन भोपाल से विदिशा के जाती है। जैसे ही ट्रेन सूखी सेवानिया पहुंची तो अचानक जोर का झटका लगा। ट्रेन में सवार यात्रियों की चीख-पुकार मचने लगी। पता चला कि भोपाल से विदिशा जाने वाली ट्रेन हैं और इसकी दो बोगी एस-वन और एस-टू एक-दूसरे पर चढ़ गई हैं। हादसे के बाद ठीक सुबह 11 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन का हूटर बजना शुरू हुआ। एक के बाद एक लगातार पांच हूटर बजे। हूटर की आवाज सुनते ही करीब 11 बजकर 10 मिनट पर दो एंबुलेंस पहुंची और उस पर सवार कर्मी दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की ओर दौड़ पड़े। ट्रेन में सवार टीटीई भी गाड़ी से उतरकर मदद के लिए चिल्ला रहे थे। भोपाल रेल अस्पताल के चिकित्सक, एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मी, मैकेनिकल विभाग के कर्मचारी समेत तमाम रेलवे स्टाफ घटना स्थल पहुंचे और बचाव एवं राहत कार्य में जुट गए। ट्रेन से घायलों को निकालकर चिकित्सा केंद्र ले जाकर उपचार प्रारंभ हुआ। लोगों की चीख-पुकार मची हुई है। जो जैसे मिला, वैसे उठाकर राहत कार्य त्वरित गति से किया गया। काफी लोग ट्रेन की बोगी में फंसे हुए थे। तभी एनडीआरएफ का दल पहुंचा। घटनास्थल पहुंचते ही दल में शामिल 60 सदस्य राहत कार्य में जुट गए। मंडल रेल प्रबंधक शोभन चौधुरी समेत रेलवे के तमाम अधिकारी भी घटनास्थल पहुंचे और सारी जानकारी ली। एनडीआरएफ की टीम ने बोगियों को काटकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हंल चिकित्सा मुहैया करायी गई। इस दुर्घटना में 25 लोगों की मौत हो गई तथा कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घबराइए नहीं, यह कोई सच्ची घटना नहीं है, बल्कि भोपाल रेल मंडल के स्टाफ एवं एनडीआरएफ दल द्वारा दुर्घटना का मॉक ड्रिल था। मॉक ड्रिल के माध्यम से किसी ट्रेन दुर्घटना के दौरान बचाव दल की सक्रियता, विभागों की सतर्कता, सजगता एवं जनभागीदारी से यात्रियों की मदद का अभ्यास किया गया। ताकि कभी भी इस तरह की घटना होने से जल्द से जल्द राहत कार्य किया जा सके और यात्रियों को सुरक्षित बचाया जा सके।
हादसे पर विचलित ना हों
एनडीआरएफ ने अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेन हादसा नहीं है । ट्रेन हादसा होने पर रेस्कयू कैसे करना है । घायल यात्रियों को कैसे बाहर निकाला जाए । इसके बारे में माकड्रिल किया गया है । जवानों को सलाह दी गई है कि ऐसे हादसों को देखकर वे विचलित ना हों ।
खराब कोच का किया गया इस्तेमाल
माकड्रिल के लिए पहले हुए रेल हादसों में खराब हुए कोचों का इस्तेमाल किया गया है। कोच के अंदर लगी हुई सीटों को निकाल दिया गया था। जिससे ट्रेन का वजन कम हो और वो एक कोच के ऊपर आसानी से चढ़ाई जाए ।
एक दिन पहले शुरू हुई थी तैयारी
इस माकड्रिल के लिए रेलवे के अधिकारी और स्टाफ ने गुरूवार को ट्रेन के कोच को माकड्रिल करने के लिए तैयार किए जा रहे था। सभी सुरक्षा उपकरण और संबंधित विभाग के अधिकारियों को माकड्रिल की तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे।


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