भाजपा की दूसरी सीट पर भी दिल्ली की नजर शाम तक होगी घोषणा

मुख्य प्रतिनिधि ॥ भोपाल
मध्यप्रदेश कोटे की पांच राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन जमा करने का कल अंतिम दिन है। मगर दोनों ही दलों में आज भी मंथन का दौर चल रहा है। भाजपा कोटे की चार में से एक सीट पहले ही दिल्ली अपने पास रख चुकी है। जबकि एक सीट मध्यप्रदेश से ही केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के लिए तय हो चुकी है। बाकी बचीं दो सीटों को लेकर दिल्ली और मध्यप्रदेश संगठन के बीच खींचतान की नौबत बन गई है। सहमति बनाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सामने आना पड़ा है। दूसरी ओर कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव की राह में भी दिल्ली के उम्मीदवार आड़े आ रहे हैं।
विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच हो रहे राज्यसभा सीटों के यह चुनाव भाजपा में राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के बीच ही खींचतान का कारण बन गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान इस साल होने वाले चुनावों को देखते हुए इन सीटों के जरिए कई समीकरणों को साधने में जुटे हैं। इसके चलते वे विंध्य में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से भाजपा के उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह को दिल्ली भेजना चाह रहे हैं। वहीं चंबल क्षेत्र को देखते हुए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का नाम बढ़ा रहे हैं। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा ने भी दावेदारी बढ़ा दी है। वरिष्ठ नेता माखनसिंह चौहान के नाम पर संघ की भी सहमति है। मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह दोनों सीटें दिल्ली के कब्जे में रखना चाहते हैं। बताया जाता है कि इसे लेकर उन्होंने कल शाम मुख्यमंत्री से चर्चा भी की है। इसके बाद से लगभग खींचतान की स्थिति बन गई है। दोपहर बाद तक भाजपा कोई फैसला नहीं कर सकी है। इस स्थिति को देखते हुए एक और सीट प्रदेश संगठन के हाथ से निकलना तय माने जाने लगा है। वहीं विवाद की स्थिति के चलते अब सभी नामांकन कल अंतिम दिन ही जमा होना भी तय हो गया है।
कांग्रेस में भी दिल्ली हावी
वहीं कांग्रेस के खाते की एक मात्र सीट को लेकर प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव पार्टी के एक मात्र पद के लिए फायनल चेहरा माने जा रहे हैं,मगर दिल्ली अभी तक मंथन के दौर से बाहर नहीं निकल सकी है। प्रदेश से ही सत्यव्रत चतुर्वेदी, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी जैसे दिग्गजों की दावेदारी है। मगर हाईकमान सैम पित्रोदा और राष्ट्रीय महामंत्री जर्नादन द्विवेदी के नामों को आगे रखकर विचार कर रहा है। इसके चलते शाम तक ही फैसला होने की उम्मीद है। इससे कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन भी अंतिम दिन ही जमा होगा। ऐसे में प्रदेश की सीटों पर मतदान की संभावना भी न के बराबर बची है।

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