श्रीलंका में अपनी पकड़ बनाने के लिए चाल चल रहा चीन, पानी की तरह बहा रहा पैसा

कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) में पांच अगस्त को होने वाले संसदीय चुनाव में जीत भले ही किसी की भी हो, लेकिन चीन (China) के हित सुरक्षित रहने वाले हैं. बीजिंग श्रीलंका पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक खास रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी श्रीलंका के सबसे प्रभावी बौद्ध धर्म गुरुओं (Buddhist clergy) को अपने पक्ष में कर रही है और इसमें काफी हद तक कायमाब भी हुई है. इसी के तहत, पिछले साल कोलंबो में लोटस टॉवर का अनावरण किया गया था. 350 मीटर ऊंचे इस टॉवर का निर्माण चीन ने ही करवाया और इसका नाम बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रंथों में से एक लोटस सूत्र पर रखा गया. श्रीलंका का बहुसंख्यक सिंहली समुदाय बौद्ध धर्म को ही मानता है.

लोटस टॉवर एक तरह से चीन की बौद्ध कूटनीति का उदाहरण है, जिसकी शुरुआत उसने पिछले श्रीलंकाई चुनाव के दौरान की थी. कई रिपोर्टों में कहा गया है कि चीनी कंपनी China Harbor द्वारा श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के चुनावी अभियानों के लिए $7 मिलियन का भुगतान किया गया और इसका एक हिस्सा प्रभावशाली बौद्ध भिक्षु के पास भी गया.


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