गोल्ड ETF का बढ़ रहा है क्रेज, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

नई दिल्ली: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में आजकल लोग जमकर निवेश कर रहे हैं. लगातार पांचवें महीने Gold ETF में निवेश बढ़ा है. अगस्त में कुल 908 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिसके चलते इस साल अब तक कुल 5,356 करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है. इससे पहले जुलाई में 921 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था.

अगर आप भी गोल्ड ETF में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं कैसे करते हैं, तो हम आपका काम आसान कर देते हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं वो सबकुछ जो आपको गोल्ड ETF के बारे में जानना चाहिए.

क्या होता है गोल्ड ETF?
भारत में गोल्ड को लेकर एक भावनात्मक लगाव है. लोग फिजिकल सोना खरीदकर घरों में रखते आए हैं. 2007 गोल्ड ETF की शुरुआत हुई. ये एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ETF के कई फायदे होते हैं. गोल्ड ETF निवेशकों को गोल्ड मार्केट का एक्सपोजर देता है. लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है. शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है. 1 गोल्ड ETF की वैल्यू 1 ग्राम सोने के बराबर होती है. यानि इससे आपको दो तरह के फायदे होते हैं. पहला कि आपको गोल्ड के भाव का और दूसरा स्टॉक ट्रेडिंग का. गोल्ड ETF की कीमतें फिजिकल गोल्ड के भाव के हिसाब से ऊपर नीचे होती हैं. गोल्ड ETF को लेकर शुद्धता का कोई सवाल खड़ा नहीं होता क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है.

गोल्ड ETF के फीचर्स और फायदे
1. गोल्ड ETF को आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं और अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) स्टॉक एक्सचेंज में इसकी ट्रेडिंग का कामकाज देखती है. आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं. डीमैट फॉर्मेट में होने के बावजूद ये बिल्कुल खरे सोने की वैल्यू रखती है.
2. गोल्ड ETF की स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले इसमें ब्रोकर की फीस और सरकारी टैक्स भी काफी कम होता है.
3. आपको फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है, लेकिन गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं. इसलिए गोल्ड ETF में निवेश करना बेहद आसान है.
4. गोल्ड ETF के जरिए आपको गोल्ड मार्केट का एक्सपोजर मिलता है. ये एक सुरक्षित, पारदर्शी और मुनाफेवाला प्लेटफॉर्म है. इसकी ट्रेडिंग तुरंत बिना किसी परेशानी की जा सकती है.
5. फिजिकल गोल्ड पर आपको वेल्थ टैक्स लगता है, लेकिन गोल्ड ETF के साथ ऐसा नहीं है. आप गोल्ड ETF को जितने साल तक चाहें अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. जहां ये बिल्कुल सुरक्षित रहता है.
6. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है, लेकिन इस पर सेल्स टैक्स, वैट या वेल्थ टैक्स नहीं लगता, जैसा कि फिजिकल गोल्ड पर होता है
7. स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग और ट्रेडिंग के अलावा गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये लेन देन काफी तेज होता है, इसके लिए आपको एंट्री या एग्जिट लोड भी नहीं चुकाना होता. यानि बेचने और खरीदने के पैसे नहीं लगते.
8. फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा कोई बोझ आप पर नहीं पड़ता.
9. किसी भी दूसरे इक्विटी फंड की तरह गोल्ड ETF का NAV (Net Asset Value) मार्केट के हिसाब से ऊपर नीचे होता रहता है. फंड मैनेजर की फीस के हिसाब से आपका रिटर्न ऊपर नीचे हो सकता है.

गोल्ड ETF में निवेश कैसे करें
1. सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट या ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा
2. इसके बाद आपको ये तय करना है कि कौन सा गोल्ड ETF लेना, उसे ऑर्डर करें
3. गोल्ड ETF ऑर्डर करने के बाद आपको ई-मेल आईडी पर और मोबाइल पर कंफर्मेशन का मैसेज आएगा.
4. इस ट्रांजैक्शन के लिए आपको ब्रोकरेज के तौर पर छोटी सी रकम चुकानी होगी

इसलिए अगर आप गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो फिजिकल गोल्ड की बजाय गोल्ड ETF में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित, आसान और कम खर्चीला होता है.


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