Maratha Andolan LIVE: किसने रची महाराष्ट्र को मणिपुर बनाने की साजिश? अचानक क्यों हिंसक हुई मराठा आरक्षण की मांग

Maratha Andolan Live and Latest Update: मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा शांतिपूर्ण आंदोलन सोमवार को अचानक हिंसक हो गया. सबसे ज्यादा हिंसा महाराष्ट्र के बीड जिले में हुई. बीड जिले में बवाल को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है. इंटरनेट बंद कर दिया गया है. अब तक 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है. मराठा आरक्षण की आग पूरे महाराष्ट्र को जला रही है. महाराष्ट्र में लगातार हो रही आगजनी ने मणिपुर हिंसा की याद दिला दी है. मणिपुर में इस साल मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 

सीएम शिंदे ने मनोज जरांगे से की बात

जालना में मराठा आरक्षण को लेकर 7 दिन से अनशन पर बैठे मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे से सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बात की है. दोनों के बीच 24 मिनट बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि मनोज जरांगे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. आंदोलन आक्रमक हो गया है और सरकारी दफ्तरों को बंद करने की चेतावनी दी गई है. इसे देखते हुए सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील के घर की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के घर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

मनोज जरांगे का बयान आया सामने 

मराठा आंदोलन में भड़की हिंसा के बाद आरक्षण के समर्थन में उपवास पर बैठे मनोज जरांगे का बयान भी सामने आया. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण आंदोलन चलाने की अपील की और कहा कि शांति से ही जीत हासिल होगी।. मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, ‘मैं सभी मराठा भाइयों को हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप उपद्रव मत करिए. करोड़ों मराठाओं के आरक्षण का प्रश्न है. भविष्य का प्रश्न है. इसलिए, शांति से जीतेंगे, हम जिता कर ही रहेंगे. आप शांति से आंदोलन करो.

महाराष्ट्र में मणिपुर जैसे हालात: संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मराठा आरक्षण आंदोलन के लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन का नियंत्रण किसी के हाथ में नहीं. महाराष्ट्र में मणिपुर जैसे हालात हो गए हैं. शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने आंदोलन में हिंसा को सरकार का फेलियर बताया है.

भीड़ ने NCP दफ्तर और विधायक के घर को लगाई आग

महाराष्ट्र के बीड में उग्र प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान काफी देर तक एनसीपी ऑफिस धू-धू कर जलता दिखा. बाद में आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर और राज्य के पूर्व मंत्री जय क्षीरसागर के आवासों को भी आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने बीड जिले में ही एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर को भी निशाना बनाया. इस दौरान आंदोलन में शामिल लोगों ने विधायक के घर में जबरदस्त पथराव किया.

आंदोलनकारियों ने पहले प्रकाश सोलंकी के घर के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान विधायक के घर के बाहर कुछ पुलिसकर्मी भी नजर आए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश भी की, लेकिन पीछे हटने के बजाय प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भड़क गया. इसके बाद प्रदर्शनकारी मेन गेट तोड़कर आवास के अंदर दाखिल हो गए. प्रदर्शनकारी विधायक के मकान पर टूट पड़े और पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान मकान में तोड़फोड़ की गई. प्रदर्शनकारियों ने आवास की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर भी पत्थर बरसाए. तोड़फोड़ के बाद भी प्रदर्शकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. उन्होंने विधायक प्रकाश सोलंकी के घर को आग के हवाले कर दिया, जिससे उठता धुएं का गुबार दूर तक दिखाई दिया.

हिंसक आंदोलन के बाद एक्शन में सरकार

मराठा आरक्षण आंदोलन के हिंसक होने के बाद महाराष्ट्र सरकार भी एक्शन में आ गई. CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार पहले से ही आदोनकारियों की मांगों पर काम कर रही है. महाराष्ट्र सरकार रिटायर्ड जस्टिस संदीप शिंदे के नेतृत्व में पहले ही एक समिति बना चुकी है. समिति की प्राथमिक रिपोर्ट भी सरकार को मिल गई है. आज राज्य कैबिनेट की बैठक में ये रिपोर्ट पेश की जाएगी. हालात पर विचार करने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे ने आज शाम को अपनी पार्टी के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की बैठक भी बुलाई है.

मुख्यमंत्री ने सोमवार देर शाम राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात की. माना जा रहा है कि करीब 45 मिनट की इस मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल को पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद राज्य का गृह विभाग भी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ पर मुलाकात की. देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तो 2018 में उन्होंने मराठों को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की संविधानिक सीमा का हवाला देते हुए मई 2021 में इसे खारिज कर दिया. साथ ही, इस साल अप्रैल में इस मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दीं.

इस साल अगस्त से लगातार हो रहे हैं प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट में मामला अटकने के बाद अगस्त के अंत से ही मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आरक्षण की मांग के समर्थन में अब सत्तारूढ़ शिवसेना के दो लोकसभा सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, राज्य में मराठा समाज की आबादी करीब 33 फीसदी है. राज्य के अधिकतर विधायक, सांसद और सीएम इसी समाज से आते रहे हैं. मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजीत पवार भी मराठा समाज से ही हैं. जाहिर है इतने प्रभावी समुदाय की नाराजगी मोल लेना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं हैं.


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