कौन हैं धीरज साहू? जिनके यहां रुपये गिनते-गिनते थक गई मशीन, मिला 220 करोड़ से ज्यादा का कैश

आयकर विभाग ने 220 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त किया है. और ये कैश कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू (Dhiraj Sahu) और उनके रिश्तेदारों के कई ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिला है. इन ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी तीसरे दिन भी जारी रही. छापेमारी के दौरान इन ठिकानों से जब्त नोटों की संख्या इतना ज्यादा थी कि उन्हें गिनने के लिए मंगवाई गई कई मशीनें भी खराब हो गईं. बताया गया कि नोटों की संख्या को देखते हुए उन्हें डेढ़ सौ से ज्यादा बैगों में भरकर ट्रक के जरिए लाया गया और बैग कम पड़ जाने पर इन नोटों के बंडलों को बोरों में भी भरकर रखा गया. जानकारी के मुताबिक, नोटों की गिनती में अभी एक से दो दिन और लग सकते हैं. ऐसे में जब्त राशि और बढ़ेगी. जान लीजिए जिन धीरज साहू के ठिकानों पर इतना कैश मिला है, आखिर वो कौन हैं, उनकी पहचान क्या है?

220 करोड़ से ज्यादा कैश वाला धनकुबेर कौन?

बता दें कि आयकर विभाग की ये छापेमारी तीन राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर की. आयकर विभाग ने ओडिशा में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापेमारी की. ये कंपनी कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार की है. आयकर विभाग की 40 सदस्यों वाली टीम ने बुधवार को ही ओडिशा के बौध, बोलांगीर और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में एक साथ छापेमारी शुरू की थी. और इन जगहों पर हुई छापेमारी के दौरान ही ये रुपये जब्त किए गए.

कौन हैं धीरज साहू?

धीरज प्रसाद साहू का जन्म 23 नवंबर 1959 को हुआ था. वे एक कांग्रेस नेता हैं. धीरज प्रसाद साहू जुलाई 2010 में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बने थे और अभी भी सांसद हैं. धीरज प्रसाद साहू के पिता बलदेव साहू थे. कहा जाता है कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था. धीरज प्रसाद साहू के भाई शिव प्रसाद साहू रांची से सांसद रह चुके हैं. उनका निधन हो चुका है. पढ़ाई की बात करें तो धीरज प्रसाद साहू ने ग्रेजुएशन किया है. धीरज प्रसाद साहू पेशे से शराब कारोबारी हैं. ओडिशा की बौध डिस्टलरी उनके परिवार की कंपनी है. झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक उनका कारोबार फैला है. इनकम टैक्स ने तीनों राज्यों ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में उनके 25 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे.

अब तक कितना पैसा मिला?

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, छापे के दौरान नोटों की गड्डियों से भरी करीब 10 अलमारियां मिलीं. ये अलमारियां 500, 200 और 100 रुपए के नोटों से भरी हुई थीं.  जिनकी गिनती अब भी जारी है. नकदी का सही आंकड़ा गिनती के बाद ही पता चल पाएगा. बताया गया कि छापे के दौरान जब्त इन नोटों की गिनती में बैंककर्मियों के साथ-साथ आकर विभाग के तीस से ज्यादा कर्मचारी भी जुटे हैं. नोट गिनने के लिए 8 से ज्यादा मशीनों का इस्तेमाल किया गया. इस दौरान कई मशीनें खराब भी हो गईं.

इसके साथ ही छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीमों ने कंपनी के कई खातों को भी फ्रीज कर दिया. अब इन खातों से फिलहाल कोई लेन-देन नहीं हो पाएगा. साथ ही दावा किया गया कि इतनी बड़ी रकम को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय की भी इस मामले की छानबीन में एंट्री हो सकती है.


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