PM क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि 6 से 12 हजार करने की तैयारी, मोदी सरकार का मह‍िलाओं पर फोकस

PM Kisan Samman Nidhi: हर साल आम बजट के दौरान सरकार का फोकस क‍िसानों और सैलरीड क्‍लॉस पर रहता है. 1 फरवरी 2024 को व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण की तरफ से लगातार छठी बार बजट पेश क‍िया जाएगा. लोकसभा चुनाव के कारण यह आम बजट न होकर अंतर‍िम बजट होगा. चुनावी साल का बजट होने के कारण इस पर सभी की न‍िगाहें ट‍िकी हुई हैं. हर बार की तरह सैलरीड क्‍लॉस को भी बजट से काफी उम्‍मीदें हैं. बजट से पहले रॉयटर्स के हवाले से खबर आ रही है क‍ि मोदी सरकार जमीन का माल‍िकाना हक रखने वाली महिला किसानों को प्रधानमंत्री क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि की राश‍ि दोगुनी कर सकती है.

अभी क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि के तहत देश के करीब 11 करोड़ क‍िसानों को 6000 रुपये सालाना द‍िये जा रहे हैं. इसमें मह‍िला और पुरुष दोनों तरह के लाभार्थी शाम‍िल हैं. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा क‍िया क‍ि 1 फरवरी को पेश क‍िये जाने वाले अंतरिम बजट में महिला किसानों के लिए सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 12 हजार रुपये क‍िये जाने पर व‍िचार चल रहा है. इसके अलावा आर्थिक रूप से वंच‍ित महिलाओं के लिए नगदी ट्रांसफर योजना शुरू करने का भी प्‍लान है. सरकार की तरफ से 21 साल से ज्‍यादा की उम्र वाली ऐसी महिलाओं के लिए कैश ट्रांसफर स्कीम लाने की योजना है, ज‍िन्‍हें सरकार की क‍िसी भी योजना का फायदा नहीं मिल रहा.

सरकार ने 2.8 लाख करोड़ से ज्‍यादा की राश‍ि दी
मनरेगा के तहत भी महिला कामगरों को प्राथमिकता दी जाएगी. फ‍िलहाल मनरेगा में मह‍िला कामगरों की हिस्सेदारी 59.26 परसेंट है. 2020-21 में यह 53.19% थी. महिला किसानों के ल‍िए सम्‍मान न‍िध‍ि छह हजार से बढ़ाकर 12000 रुपये क‍िये जाने पर सरकारी खजाने 120 करोड़ का अत‍िर‍िक्‍त बोझ पड़ेगा. सरकार की तरफ से पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि के तहत अब तक 15 क‍िस्‍ते क‍िसानों के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी हैं. इसके तहत देशभर के करीब 11 करोड़ क‍िसानों के खाते में 2.8 लाख करोड़ से ज्‍यादा की राश‍ि पहुंच चुकी है. देश में करीब 26 करोड़ किसान हैं. इनमें से जिन मह‍िला किसानों के नाम जमीन है, उनमें महज 13% महिलाएं हैं.

भाजपा की जीत में मह‍िलाओं का अहम योगदान
मह‍िलाओं से जुड़ी योजनाओं को लेकर 1 फरवरी को बजट भाषण के दौरान घोषणा की जा सकती है. कृषि मंत्रालय की तरफ से इस पर क‍िसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर द‍िया गया. देश में 26 करोड़ से ज्‍यादा क‍िसान हैं. वे अपने पर‍िवारों के साथ 1.4 अरब आबादी के साथ देश के बड़े मतदाता हैं. आंकड़ों के अनुसार इनमें 60 प्रत‍िशत महिलाएं हैं. लेकिन इनमें से 13 प्रत‍िशत से भी कम के पास अपनी बोई हुई जमीन है. सर्वे के अनुसार पीएम मोदी और भाजपा की जीत में महिलाओं का अहम योगदान रहा है. इन पर फोकस करने से लोकसभा चुनाव में जीत की उम्‍मीद बढ़ जाती है.

इस चुनाव में 35 करोड़ मह‍िलाएं डालेंगी वोट
द‍िसंबर 2023 में ज‍िन चार प्रमुख राज्यों में व‍िधानसभा चुनाव संपन्‍न हुए, उनमें से तीन में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है. इन राज्‍यों में महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में भारी मतदान किया. सी-वोटर के सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने विवाहित महिलाओं के लिए कैश ट्रांसफर स्‍कीम शुरू की, वहां पार्टी को करीब 51 फीसदी महिला वोट मिले, जबकि 46.2 प्रतिशत पुरुष वोट मिले. नॉन सैलरीड क्‍लॉस वाली मह‍िलाओं का देश की अर्थव्‍यवस्‍था में बड़ा योगदान है. एनएसएस के डाटा के अनुसार ऐसी महिलाओं की 22.7 लाख करोड़ की ह‍िस्‍सेदारी है. एक अनुमान के अनुसार अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में 35 करोड़ मह‍िलाएं अपने मत का प्रयोग करेंगी. 2014 में देशभर में पड़े कुल 55 करोड़ वोट में से 26 करोड़ महिलाओं ने डाले थे. 2019 में 62 करोड़ वोट में से 30 करोड़ महिलाएं थीं. इस बार मह‍िलाओं के वोट बढ़कर 35 करोड़ होने की उम्‍मीद है.


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