इंदौर-उज्जैन के तीन लाख लोग आयकर के रडार पर

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
सर्वाधिक आयकर देने वाला इंदौर कमिश्नरेट इन दिनों तय टारगेट से 800 करोड़ रुपए पीछे चल रहा है। इसे हासिल करने के लिए विभाग ने दोनों संभागों के तीन लाख लोगों को रडार पर ले लिया है। इसके लिए विभाग ने कल से अभियान शुरू कर दिया है।
इंदौर के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त अजय कुमार चौहान ने कल स्वयं रतलाम में विभाग की समीक्षा करने के साथ ही बड़े करदाताओं, चार्टर्ड एकाउंटों से सीधे मुलाकात कर लोगों को स्वेच्छा से टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित किया। असल में मप्र में सर्वाधिक टैक्स कलेक्शन इंदौर परिक्षेत्र में होता रहा है। पिछले साल इंदौर मामले में घटकर तीसरे नंबर पर आ गया था। पहले नंबर पर रायपुर दूसरे पर भोपाल था। मौजूदा वित्तीय वर्ष में उसका टारगेट के मुकाबले 8 00 करोड़ रुपए कम हुआ है। टारगेट करने के लिए उसके पास महज 40 दिन का समय शेष है। मालूम हो कि इंदौर परिक्षेत्र के 15 जिलों में विभाग को वित्त वर्ष 2017-18 में 2173 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला है। विभाग 18 फरवरी तक 1330 करोड़ रुपए टैक्स वसूल चुका है। टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण इस बार विभाग ने खास रणनीति के साथ टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर काम शुरू किया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, पहली बार आयकर ने ऐसे लोगों की जानकारी भी जुटा ली है, जिनके पास नगर निगम और पालिकाओं की दुकानों के लायसेंस है लेकिन आयकर जमा नहीं कर रहे। विभाग ने डेटा माइनिंग यानी वित्तीय लेनदेन व अन्य रिकॉर्ड के विश्लेषण के बाद ऐसे तमाम लोगों को चिन्हित कर लिया है जो दायरे में आने के बावजूद टैक्स नहीं चुका रहे।


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