थर्मोविजन कैमरों से लाइन ग्रिड की निगरानी

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
जिस थर्मोविजन कैमरों का इस्तेमाल सेना करती है, प्रदेश की बिजली कंपनियां उसी कैमरों के जरिए लाइन ग्रिड की निगरानी कर रही है। इसके चलते लाइन ग्रिड में फाल्ट की तत्काल जानकारी मिल रही है। फिलहाल यह प्रयोग मप्र पश्चिम वितरण कंपनी ने अपने अधीनस्थ क्षेत्र इंदौर और रतलाम संभाग में शुरू किया है।
कंपनी सूूत्रों के अनुसार, कंपनी ने 20 थर्मोविजन कैमरे के साथ ज्यादा लोड वाली बिजली लाइनों, ग्रिड और ट्रांसफॉर्मरों की निगरानी शुरू की है। कंपनी ने शहर में हर डिवीजन में इंजीनियरों को ये कैमरे दिए हैं। हर दिन कैमरों से हर डिविजन में औसतन 50 जगहों की निगरानी की जा रही है। कंपनी का दावा है कि नई तकनीक के उपयोग का सीधा फायदा कंपनी और उपभोक्ता दोनों को मिल रहा है। कंपनी के अधीन आ रहे जिला मुख्यालयों को भी निगरानी के लिए ऐसे कैमरे दिए गए हैं। मालूम हो कि सेना सीमावर्ती इलाकों में इसी तरह की दूरबीन से रात के ठंडे मौसम में निगरानी करती है। जिंदा व्यक्ति या जानवर के शरीर का तापमान ज्यादा होता है इसलिए वह इसमें आसानी से दिख जाता है।
कम जले 250 ट्रांसफार्मर
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि बिना बाधा के 24 घंटे सप्लाय में थर्मोविजन कैमरे मददगार साबित हो रहे हैं। तस्वीर की समीक्षा के बाद संभावित नुकसान को रोकने व रखरखाव में मदद मिल रही है। इससे ट्रांसफॉर्मर जलने की घटना कम हो गई है। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार 250 ट्रांसफॉर्मर कम जले हैं।


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