हड़ताल से रोजाना 100 करोड़ के जीएसटी का नुकसान

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
भारी कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार की मुसीबत वाणिज्यिक कर अधिकारी-कर्मचारियों ने बढ़ा दी है। पर्याप्त जीएसटी की उगाही नहीं होने के कारण पहले ही टैक्स कलेक्शन कम आ रहा था। अब 19 फरवरी से चल ही हड़ताल के चलते जीएसटी की वसूली और संबंधित कामकाज ठप हो गए हैं। अकेले भोपाल में रोजाना दस करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा करीब रोजाना सौ करोड़ रुपए हैं।
प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया की समझाइश के बावजूद वाणिज्यिक कर विभाग में प्रदेश भर के अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौटने को बिल्कुल तैयार नहीं है। तीन अधिकारी-कर्मचारी संगठन मिलकर यह हड़ताल कर रहे हैं। इसके चलते स्टेट जीएसटी के सभी कार्य रुक गए हैं। इन संगठनों के पदाधिकारियों ने पिछले दिनों वित्त मंत्री से भोपाल में उनके बंगले पर मुलाकात भी की थी। वित्त मंत्री ने उनसे हड़ताल खत्म करने की बात कहते हुए भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों से संबंधित प्रावधान बजट में कर दिया जाएगा। लेकिन कर्मचारियों ने दो टूक कह दिया था कि इस तरह का आश्वासन पिछली बार भी दिया गया था। मंत्री से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण वाणिज्यिक कर विभाग में प्रदेशभर में पदस्थ 1050 अधिकारी-कर्मचारी कामकाज बंदकर सरकार के खिलाफ रैलियां व धरने प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करा रहे हैं।
भोपाल में रोजाना 10 करोड़ का राजस्व प्रभावित
इससे स्टेट जीएसटी के सभी कार्य लगभग ठप हो गए हैं। इसके कारण जहां एक ओर सरकार का रोज 100 करोड़ रुपए का स्टेट जीएसटी का राजस्व प्रभावित हो रहा है। भोपाल में यह राजस्व करीब दस करोड़ रुपए रोजाना है। वहीं कारोबारी और व्यापारी भी परेशान हैं। विभाग सालाना 30 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व वसूलता है, इसके बावजूद अधिकारी-कर्मचारी वेतन विसंगति को लेकर परेशान हैं।


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