बार-बार नियम में बदलाव ना करें सरकार, ट्रेडिंग हब बनाने पर हो जोर

वाणिज्य प्रतिनिधि.भोपाल

राजधानी के कारोबारी लोगों को इस बजट से कई आशाएं हैं। प्रदेश में वैट हो या फिर मूलभूत सुविधाएं आने वाला बजट सभी की आशाओं के अनुरूप हो। सरकार व्यापारियों के लिए बार-बार नियम में बदलाव ना करे, इससे कारोबार प्रभावित होता है। व्यापारी कल्याण कोष का प्रावधान किया जाए, ट्रेडिंग हब बनाया जाए। मध्यप्रदेश सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर लोगों को महंगाई से राहत दे। सब्सिडी खत्म कर फसल का लाभकारी मूल्य दिया जाए। किसानों को छोटी योजनाओं से ज्यादा लाभ मिले। सरकार अपना खर्च कम करने के लिए छोटे विभागों को दूसरे में मर्ज करके उनकी संख्या कम करे। नवयुवकों के लिए रोजगार के द्वार खोले। यह बात राजधानी के बाजार विशेषज्ञों ने राज्य सरकार पेश किए जाने वाले बजट के प्रति अपेक्षा जताते हुए कही।

–  व्यापारी भविष्य निधि का बजट में हो प्रावधान

केंद्र सरकार द्वारा आमबजट पेश किए जाने के बाद अब प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट पर एक बड़े वर्ग व्यापारी समाज की नजरें टिकी हुई हैं व्यापारी को बजट से बहुत अपेक्षाएं हैं। उनका कहना है कि केंद्रीय बजट ने व्यापारियों को तो निराश किया, लेकिन राज्य सरकार प्रदेश के व्यापारियों को निराश नहीं करे। व्यापारी समुदाय पेश होने वाले बजट के प्रति अपेक्षा जताते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि में अल्प सुधार करके रिटायर्डमेंट के पश्चात पेंशन की व्यवस्था की है तो वहीं गरीब कल्याण कोष के माध्यम से और बहुत सी योजनाओं से गरीबों के हित में सस्ते अनाज से लेकर रोजगार तक की व्यवस्थाएं की हैं। ठीक उसी प्रकार व्यापारियों के हित में भी सरकार कदम उठाए। व्यापारियों की मांग है कि सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में व्यापारियों के हित में व्यापारी भविष्य निधि का प्रावधान किया जाए।

व्यापारियों के कथानुसार उनके द्वारा चुकाए गए कर की एक निश्चित प्रतिशत राशि व्यापारी भविष्य में जमा करके एक निश्चित आयु के पश्चात बतौर पेंशन प्रदान किया जाए। जिस प्रकार कर्मचारी शासन के काम के लिए आठ घंटे का समय देता है उसी प्रकार देश-प्रदेश का व्यापारी भी देश की आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन में बहुमूल्य समय देता है। ऐसे में रिटायर्डमेंट के पश्चात एक निश्चित आयु के बाद सरकार को व्यापारी के भविष्य सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए।

– सरकार व्यापारियों के लिए बार-बार नियम में बदलाव ना करे, इससे कारोबार प्रभावित होता है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को 30 लाख रुपए तक के मकान की रजिस्ट्री पर डिस्काउंट बढ़ाना चाहिए। इसके लिए सिंगल विंडों परमिशन भी जरूरी है। इस प्रावधान से तीन साल से जो प्रॉपटी खरीदी में कमी आई है वह बढ़ेगी। वहीं सामान टैक्स कराना भी बेहतर होगा।

संजीव जैन, अनाज व्यापारी

– बजट में राज्य सरकार को कर ढांचे को सरलीकृत करने के साथ ही व्यापारियों पर कर कानून थोपने की जगह उनकी सहभागिता के साथ प्रस्तावित कानून पर विचार करना चाहिए और व्यापारी भविष्य निधि योजना को लागू करना चाहिए।

अनुपम अग्रवाल, प्रांतीय महासचिव, अखिल भारतीय व्यापार एवं उद्योग मंडल

.  सभी को उम्मीद है कि प्रदेश सरकार कराधान प्रणाली को सरलीकृत करेगी, ताकि व्यापारियों और आम आदमी में भय व्याप्त न हो।

संजीव गर्ग गांधी, अध्यक्ष, होलसेल सराफा एसोसिएशन, भोपाल

– जब से ऑटोमोबाइल सेक्टर पर 28 प्रतिशत जीएसटी हुआ है,पहले टैक्स अदा करना पड़ता है फिर माल आता है, जिसके कारण स्पेयर पाट्र्स, टूल किट्स, राइडिंग गियर और क्लीनिंग इक्विपमेंट्स समेत अलग-अलग प्रॉडक्ट्स की सप्लाई चेन मैनेज करना इतना आसान नहीं रहा है। इससे ग्राहकी प्रभावित हो रही है।

सुनील जैन 501, चेयरमैन, कंज्यूमर गुड्स डीलर एसोसिएशन


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