MP बजट 2018-19 LIVE : स्मार्ट सीटी के लिए 700 करोड़ रुपए खर्ज करेगी सरका

इंदौर। मप्र की शिवराज सरकार का अाखिरी बजट बुधवार सुबह 11 बजे से वित्तमंत्री जयंत मलैया पेश कर रहे हैं। चुनावी साल के कारण बजट में इस बार किसानों के अलावा सरकार का फोकस स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर है। वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा है कि लगातार पांचवी बार मप्र का बजट पेश करने पर मुझे खुशी हो रही है। पढ़ें, बजट के मुख्य बिंदु…

– ग्रामीण क्षेत्रों में 10 बिस्तरों से अधिक का अस्पताल शुरू करने पर निवेश राशि का 40 फीसदी सब्सिडी के रूप में सरकार देगी।
– ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में 1000 बिस्तरों का नया अस्पताल बनाया जाएगा।

– आवागमन को सुगम करने के लिए जबलपुर, ओरछा और सागर में नए बायपास बनाए जाएंगे।
– स्मार्ट सीटी के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

– प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 398 से घटकर 221 हुई है।
– प्रदेश में नई माइक्रो सिंचाई सुविधाएं प्रारंभ की जाएगी।

– 532 नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। 38 नए पुल बनाएं जाएंगे।

– भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन परियोजना का काम 2018-19 में शुरू हो जाएगा।

– प्रदेश में 3000 किलोमीटर नई सड़क बनाने का लक्ष्य।
– 18 हजार 72 हजार करोड़ रुपए ऊर्जा सेक्टर में प्रस्तावित है।

– 2003 में प्रदेश में 10 लाख कृषि सिंचाई पंप थे, जो कि 2018 में बढ़कर 27 लाख हो गए हैं।
-कृषि सिंचाई पंप वितरण योजना के तहत 2018 में 1 लाख 20 हजार सिंचाई पंप वितरित किए गए हैं।

– 2002 में हाॅर्ष पॉवर का उपयोग 0.75 प्रति हेक्टेयर था, जो वर्तमान में बढ़कर 1.5 हार्ष पॉवर प्रति हेक्टेयर हो गया है।
– धान का उत्पादन 8 क्विंटल से बढ़कर 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
– बजट में कृषि पर फोकस किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं प्रदेश सरकार तैयार कर रही है।
– उद्यायनिकी क्षेत्र में सरकार ने निवेश के लिए एक हजार करोड़ से अधिक के निवेश समझौता सरकार द्वारा किए गए हैं।
– 350 करोड़ का प्रावधान मुख्यमंत्री ऋण के लिए प्रस्तावित है।
– 1038 करोड़ दुग्ध उत्पादन के लिए प्रस्तावित है।
– 5189 लाख का प्रावधान मत्स्य उत्पादन के लिए प्रस्तावित है।

– 2003 से लेकर अब तक प्रदेश में 1125 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई सुविधा बढ़ाई गई है।
– 1038 करोड़ रुपए पशुपालन सेक्टर में किए खर्च किए जाने का प्रावधान है।
– 1627 करोड़ रुपए सहकारिता सेक्टर के लिए दिए जाने का प्रावधान है।
– 1627 करोड़ रुपए सहकारिता सेक्टर के लिए दिए जाने का प्रावधान है।
– 3650 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि किसानों के लिए दिए जाने का प्रावधान है।

– मप्र विधानसभा में प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया वित्तवर्ष 2018-19 के लिए पेश कर रहे हैं।
– प्रदेश की आर्थिक विकास वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से अधिक है।
– 2004-5 से हम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 2018-19 में हमारा योगदान बहुत ही उम्दा रहा है।

– भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऋण की उपलब्धता में कठनाई आ सकती है।
– सरकार कृषि सिंचाई सुविधा में लगातार विस्तार कर रही है। मप्र को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड मिल चुका है।
– किसानों काे उसकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो इसके लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।

वित्तमंत्री सुबह सवा 10 बजे पहुंचे विधानसभा

– वित्तमंत्री जयंत मलैया अपना पांचवां और इस सरकार का आखिरी बजट पेश करने सुबह सवा 10 बजे के करीब विधानसभा पहुंचे। उनकी पत्नी सुधा मलैया ने तिलक लगाकर दही खिलाया और उन्हें रवाना किया। विस पहुंचने के बाद बजट भाषण से पहले मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट में एक बैठक हुई, जिसमें बजट को औपचारिक मंजूरी दी गई। करीब दो लाख करोड़ रुपए के इस बजट में गांव, शहर, गरीब, किसान, महिला, युवा और कर्मचारियों पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, क्यों कि वित्तमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि बजट में सभी वर्ग का ध्यान रखा गया है।

– वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की हेल्थ स्कीम आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार का जोर ग्रामीण इलाकों में अस्पताल खोलने पर है। वहां अस्पताल खोलने वालों को 40 से 50 फीसदी की सब्सिडी देने की तैयारी है। इस बजट के माध्यम से सरकार जनता को लुभाने की कोशिश करेगी। जीएसटी लगने के बाद सरकारी खजाने को भरने की चुनौती भी सरकार के सामने है।

– मप्र में 75 लाख लोग इस योजना के तहत कवर होंगे। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए चुनिंदा स्कूल-कॉलेजों में सैटेलाइट के जरिए पढ़ाई होगी। सीएम ने विभिन्न विभागों में खाली पड़े पद भी भरने के निर्देश दे दिए हैं। यह प्रक्रिया नए वित्तीय वर्ष में शुरू हो सकती है।

1.5 लाख खाली पदों को भरने की बड़ी जिम्मेदारी
– वर्तमान में सभी विभागों में प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के करीब डेढ़ लाख पद खाली हैं। इसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 27,870 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लगभग 75 हजार पद शामिल हैं। इन विभागों में पिछले डेढ़ दशक से बंपर भर्तियां नहीं हुई हैं। भर्तियां खोलने की वजह साफ है कि सरकार चुनावी साल में किसी भी वर्ग को उपेक्षित नहीं करना चाहती है।

– बजट के पहले मंगलवार को विस में प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया, जिसमें फसल का रकबा घटाने, जीडीपी में कमी की बता सामने आई। बजट के पहले मंगलवार रात सीएम के साथ हुई मीटिंग में सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए रिटायरमेंट की सीमा 60 से बढ़ाकर 62 करने पर विचार किया गया, जिसकी घोषणा बजट में की जा सकती है। वहीं पेंशनरों को 7वां वेतनमान देने की भी घोषणा कर सकती है।

– सर्वेक्षण में बताया गया कि प्रति व्यक्ति आय में इस वर्ष करीब 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से बढ़कर 55 हजार 442 रुपए हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 5.79 प्रतिशत अधिक है।

– आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया कि प्रदेश में लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है। मार्च 2017 की स्थिति में शुद्ध लोक ऋण 92 हजार 320 करोड़ रुपए रहा। खनिज क्षेत्र में 19.35 फीसदी की राजस्व वृद्धि हुई। के बाद बैंकों में जमा राशि में भी बढ़ोतरी हुई है। 2015-16 की तुलना में 2017-18 में जमा राशि में 6.58 प्रतिशत और कर्ज लेने में 11.86 फीसदी का इजाफा हुआ ह


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