विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, परेशान हुए छात्र

सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
बरकतउल्ला सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में आज काम काज पूरी तरह से ठप रहा। विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शासन की उपेक्षा के मद्देनजर आंदोलन की घोषणा कर दी है। सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी बुधवार से काम का बहिष्कार किया। ऐसे में अपनी समस्या लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे छात्र-छात्राओं को काम के लिए भटकना पड़ा, लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं हो सका।
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में अंकसूची में त्रुटि सुधार, डुप्लीकेट अंकसूची, डिग्री सहित अन्य कामों के लिए विद्यार्थी पहुंचे, लेकिन उन्हें खालीहाथ वापस लौटना पड़ा। कर्मचारियों के इस निर्णय से विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर संकट खड़ा हो गया है। मार्च-अप्रैल में बीयू सहित अन्य विश्वविद्यालयों की सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं होने वाली हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण इन परीक्षाओं की तैयारी पर सीधा असर पड़ेगा। मप्र विश्वविद्यालयीन गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव लखनसिंह परमार का कहना है कि 19 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मार्च 2017 में आंदोलन तत्कालीन प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय के लिखित आश्वासन के बाद समाप्त किया था। महासंघ ने सरकार से स्पष्ट कहा था कि यदि 6 मार्च तक मांगों का निराकरण नहीं होता है तो 7 मार्च से काम का बहिष्कार कर देंगे। कर्मचारियों का यह आंदोलन अनिश्चितकालीन रहेगा। इससे पहले कर्मचारियों ने करीब डेढ़ माह तक दोपहर बाद काम का बहिष्कार किया था। उस वक्त कर्मचारियों ने जल्द मांगे पूरी होने के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी थी।
ये हैं मुख्य मांगे
ठ्ठ आकस्मिक निधि व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
ठ्ठ राज्य शासन के कर्मचारियों की भांति सातवें वेतन मान का लाभ मिले।
ठ्ठ कर्मचारियों को समयमान वेतनमान 4500-7000 के स्थान पर 5500-9000 प्रदान किया जाए।
ठ्ठ चिकित्सा भत्ता 3000 रुपए मिले।


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