हमीदिया की व्यवस्थाएं सुधारने लिख डाले 9 हजार पत्र

मिसाल ॥ राज्य शिक्षा केन्द्र से सेवानिवृत्ति के बाद बेसहारा लोगों की कर रहे मदद
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
हमीदिया अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज करने, दवाई देने, अस्पताल में लगी मशीनों को ठीक रखने, डॉक्टरों की मनमानी पर रोक लगाने, साफ-सफाई पर ध्यान देने सहित अन्य समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों को करीब 9 हजार पत्र लिखे हैं। हम बात कर रहे हैं राज्य शिक्षा केन्द्र से सहायक अधीक्षक पद से रिटायर्ड हुए ईदगाह हिल्स में निवास करने वाले भानु प्रताप सराठे की, जो पिछले पांच वर्षों से हमीदिया में गरीबों के मसीहा बने हुए हैं।
जब एक आदमी सेवानिवृत्त होता है तो अपने आपको बढ और लाचार समझने लगता है, तभी तो सरकार भी उसे सेवानिवृत्त कर देती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सेवानिवृत्त होने के बाद अपने आपको और तरोताजा और फुर्तीला समझने लगते हैं। इसी तरह वर्ष 2012 में राज्य शिक्षा केंद्र से सहायक अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए भानु प्रताप सराठे सेवानिवृत्त होने के बाद अपने आपको युवा समझते हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद वे हर रोज सूरज निकलते ही हमीदिया अस्पताल की तरफ चल देते हैं। यहां वे मरीजों के हाल-चाल जानते हैं, यदि कोई मरीज यहां दवाई, इलाज के लिए परेशान होता है तो उसे अस्पताल प्रबंधन से मिलकर व्यवस्था उपलब्ध कराते हैं।
जनप्रतिनिधियों से अपील
श्री सराठे का कहना है कि राजधानी होने के नाते भोपाल में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, महापौर, पार्षद और वरिष्ठ अधिकारी निवास करते हैं। यदि सप्ताह में एक बार किसी मंत्री, विधायक और अधिकारी का अस्पताल का निरीक्षण हो जाए तो हमीदिया की व्यवस्थाएं स्वत: ही सुधर जाएंगी। उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी हमीदिया अस्पताल में ज्यादा बैठते नहीं हैं और जूनियरों के भरोसे मरीजों को छोड़कर गायब हो जाते हैं, जबकि इन्हें वेतन पूरा दिया जाता है। उनका कहना है कि चिकित्सकों को पूरे समय अस्पताल में मरीजों का इलाज कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए, इसके लिए इनकी मानीटरिंग की जानी चाहिए।
मंत्री और प्रबंधन को लिखे पत्र
पिछले कई सालों से हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए उन्होंने मंत्री, अधिकारी और प्रबंधन को करीब 9000 पत्र लिखे हैं। उनका कहना है कि 5 वर्षों से हमीदिया अस्पताल में ट्रामा यूनिट की लड़ाई लड़ रहे हैं, ट्रामा यूनिट चालू कराने एवं सरकार का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए हमीदिया परिसर और भोपाल के अनेक चौराहों पर लोगों के जूतों पर पॉलिश तक की है। आज हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में ट्रामा यूनिट तैयार हो रहा है इसके पीछे हमारी और सभी की मेहनत का योगदान है। ट्रामा यूनिट शुरू होने से मरीजों को राहत मिलेगी।
मरीजों की सुनते हैं समस्याएं
वैसे तो भानु प्रताप सराठे ने हमीदिया अस्पताल की गंदगी, डॉक्टरों की मनमानी और दलालों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, लेकिन वे हमीदिया के लगभग सभी वार्डों में जाकर निरीक्षण कर उनकी समस्याएं सुनते हैं। यदि मरीज को कोई समस्या होती है तो सुलझाने में लग जाते हैं। यदि किसी को आर्थिक परेशानी होती है तो अपनी पेंशन से मरीज के लिए पैसों की व्यवस्था भी करते हैं।
सफाई अभियान की जगा
रहे अलख
मोदी सरकार ने सफाई अभियान को 2 वर्ष पहले चालू किया है, लेकिन भानु प्रताप स्वच्छता अभियान की अलख वर्ष 2012 से लोगों में जगा रहे हैं। वे अस्पताल में अलग-अलग वार्डों में घूमकर लोगों को सफाई का संदेश देते रहते हैं और कचरा एवं गंदगी को खुद अपने हाथों से उठाकर कचरे के डब्बे में डालते हैं। यदि कोई अस्पताल परिसर में गंदगी करता हुआ दिखाई देता है तो उसे रोकते हुए स्वयं ही रुमाल से सफाई करने में लग जाते हैं।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें