महापौर की घोषणा पर नगर निगम ने नहीं किया अमल रंग-रोगन को तरस रही महापुरुषों की प्रतिमाएं

सच संवाददाता ।। भोपाल
मप्र की राजधानी में महापुरुषों की प्रतिमाएं चौक-चौराहों पर लगाई है, लेकिन इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। महापौर आलोक शर्मा ने अपने पहले बजट भाषण में घोषणा की थी कि महापुरुषों की प्रतिमाओं की सफाई, धुलाई व रंग-रोगन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा, लेकिन निगम प्रशासन ने इस पर अमल नहीं किया है। ऐसे में जबकि संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल को है, लेकिन उनकी प्रतिमा भी बदरंग है। इतना ही नहीं लगभग सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं के आसपास सरकारी और गैरसरकारी होर्डिंग्स, फ्लैक्स लगे है, जिससे प्रतिताएं छिप गई है, इसके बाद भी नगर निगम का संपत्ति विरूपण अमला कार्रवाई नहीं कर रहा है।
राजनीतिक दलों ने देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले महापुरुषों की प्रतिमाओं को चौक-चौराहों पर खड़ा कर दिया, लेकिन उनकी सुध लेना भूल जाते हैं। सरकारी आयोजनों पर शासकीय कार्यालयों को रोशन किया जाता है, परन्तु चौराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमा पर कोई फूल डालने भी नहीं जाता। अब तो ज्यादातर महापुरुषों की प्रतिमाएं बदरंग हो गई हैं। नगर निगम ने इन प्रतिमाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। निगम प्रशासन ने इन प्रतिमाओं को हर महीने माला पहनाने का अभियान भी चलाया था, जिसे बंद कर दिया गया है। नगर निगम प्रशासन की उदासीनता से महापुरुष अपमानित हो रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि किसी प्रतिमा का प्लास्टर निकल रहा है तो किसी का पेंट। पुराने विधानसभा के सामने स्थित पार्क में राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का पेंट और प्लास्टर उखड़ रहा है। मिन्टो हाल के सामने पुलिस कंट्रोल रूम के पास पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा की भी इसी तरह की गत हो रही है। लगता है कि देश को आजाद करवाने वालों का निशां लोगों के जेहन से जल्द मिट जाएगा। अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद कर देश को आजाद कराने वाले राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की सरकार ने अनेकं स्थानों पर प्रतिमाएं तो लगा दी पर इनकी सुध लेना भूल गई। इनकी पुण्यतिथि और जयंती पर फूल-मालाएं चढ़ाकर फोटो खिंचवाना कोई नहीं भूलता। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने किसी न किसी आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले योद्घाओं को अपना आर्दश बना रखा है और उनकी प्रतिमाएं राजधानी के चौक-चौराहों पर लगवाई है। सबसे ज्यादा आश्चर्य तब होता है जब सरकार ही राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाओं की सुध नहीं ले रही है। मिन्टो हाल के सामने स्थित राष्टï्रपिता की प्रतिमा को देखें तो लगता है कि पता नहीं कितने दिनों से प्रतिमा की सफाई तक नहीं हुई है। चौक-चौराहों पर लगी प्रतिमाओं की साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है, परन्तु नगर निगम ने भी इससे मुंह मोड़ लिया है।
राजधानी में 55 से अधिक स्थानों पर अनेक महापुरुषों की प्रतिमाएं लगी हैं, इसमें सुल्तानिया इंफेंट्री चौराहा पर महात्मा गांधी की, पुलिस कंट्रोल रूम के पास लाल बहादुर शास्त्री की, आजाद मार्केट में चन्द्रशेखर आजाद की, रोशनपुरा चौराहे पर पं.जवाहर लाल नेहरू की, सात नम्बर बस स्टाप के पास सुभाषचन्द्र बोस की, पॉलीटेक्निक चौराहा पर स्वामी विवेकानंद की, लिंक रोड क्रमांक-एक पर छत्रपति शिवाजी महाराज की, एमपी नगर में महाराणा प्रताप, बोर्ड आफिस चौराहे पर बाबा साहब अम्बेडकर की, हबीबगंज थाने के सामने राजीव गांधी की, रॉयल मार्केट में इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। ऐसे में सामाजिक व धार्मिक संगठन इन प्रतिमाओं के अपमान की बात तो करते हंै, पर खुद की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। इतना ही नहीं इनकी जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर भी इन प्रतिमाओं की साफ-सफाई नहीं होती। नगर निगम प्रशासन ने महापुरुषों की प्रतिमाओं की पानी से सफाई व प्रति माह एक माला पहनाने के लिए साल भर पहले अभियान चलाया था, लेकिन एक-दो महीने में यह अभियान बंद हो गया। अब स्थिति यह है कि किसी प्रतिमा पर कोई व्हीआईपी नेता पहुंचता है तो नगर निगम फूल-माला पहना देता है, लेकिन बाकी प्रतिमाओं का अपमान बदस्तुर जारी है।
हमने महापौर आलोक शर्मा को पत्र लिखा है कि 14 अप्रैल 2015 के दिन संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती है, इसलिए उनकी बोर्ड आफिस चौराहा स्थित प्रतिमा पर रंग रोगन किया जाए। नगर निगम यह कार्य नहीं कर सकता, इस चौराहे का जिम्मा हमें सौंप दें, हमारी संस्था इसका संधारण कर लेगी।
> जितेंद्र नागले, कोषाध्यक्ष, महार समाज संगठन


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