स्कूल में बच्चों की सुरक्षा स्कूल की जिम्मेदारी

राजधानी के प्रिंसिपल्स ने कहा, हम नहीं भरवाएंगे बांड
केस-1
इंदौर में तेज रफ्तार स्कूल बस की ट्रक से टक्कर में एक ही कॉलोनी के चार बच्चों की मौत और कई बच्चों को गंभीर चोटें आईं।
केस-2
राजधानी के निजी प्ले स्कूल में स्कूल संचालक द्वारा नर्सरी की बच्ची के साथ यौन शोषण करना। जिसमें बच्ची के कहने पर पैरेंट्स ने संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
केस-3
निजी स्कूल के ही 11वीं क्लॉस के छात्र द्वारा फस्र्ट क्लास के बच्चे की गला रेतकर हत्या।
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
यूं तो स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि घर बच्चे की पहली पाठशाला है तो स्कूल से वो सामाजिक शिक्षा ग्रहण करता है। लेकिन इन घटनाओं को देखकर लगता है कि आज पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी डरने लगे हैं। पैरेंट्स बस यही दुआ मांगते हैं कि अच्छी भली हालत में जाने वाला उनका बच्चा सही सलामत आए। लेकिन तब क्या हो जब स्कूल प्रबंधन ही बच्चे की रिस्पांसबिलिटी लेने से कतराए। इंदौर के एमराल्ड हाइट्स स्कूल के बाद अब राजधानी के कुछ स्कूलों में अब पैरेंट्स से बांड भरवाए जा रहे हैं जिसमें लिखा है कि बच्चे के साथ स्कूल बस से लेकर स्कूल परिसर में और स्पोट्र्स एक्टिविटी के दौरान कोई भी घटना या हादसा होता है तो इसके लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं होगा।
स्कूलों की बच्चों के प्रति इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत पर सच एक्सप्रेस ने राजधानी के निजी स्कूल के प्रिंसिपल्स से बातचीत की तो किसी ने इस तरह के बांड भरवाने को गलत ठहाराया, वहीं कईयों ने दबी जबां में इस प्रक्रिया को उचित भी कहा-
यह तो पूरी तरह गैरकानूनी है
मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल एसके रैनीवाल का कहना है कि यह तो पूरी तरह गैरकानूनी है क्योंकि जब घर में या घर के बाहर बच्चे की जवाबदारी पैरेंट्स की है तो स्कूल में स्कूल प्रबंधन ही बच्चे की सेफ्टी के लिए जिम्मेदार है और हमारे स्कूल में तो इस तरह से कोई बांड नहीं भरवाए जाएंगे।
बच्चा स्कूल में है तो जिम्मेदारी भी स्कूल की
पहले हमारे जमाने में बच्चों के साथ यदि स्ट्रिक बिहेव पर पैरेंट्स ज्यादा रिएक्ट नहीं करते थे, लेकिन अब जरा सी चीजों में भी पैरेंट्स इन्वाल्व हो जाते हैं। यह बात आनंद विहार स्कूल की प्रिंसिपल शैलेश झोंपे ने कही। उन्होंने आगे कहा कि कई बार तो बच्चे से ज्यादा पैरेंट्स रिएक्ट करते हैं। लेकिन फिर भी यदि बच्चा स्कूल में है तो स्कूल की ही रिसपांसिबिलटी हैं।
स्कूल में हुई घटना पर हम ही पहले केयर करते हैं
जैक एंड जिल की प्रिंसिपल नीती भूषण कहती है कि बच्चा स्कूल में है तो स्कूल मैनेजमेंट ही उसकी देखभाल के लिए जिम्मेदार होगा। कई बार स्कूल में बच्चे को फीवर है, सर्दी-जुकाम है या खेलते हुए गिर गया तो ऐसे में हम ही बच्चे की पहले केयर करते हैं और फिर पैरेंट्स को कॉल करते हैं।
बांड भरवाने से शिक्षक पीछा नहीं छुड़वा सकते
जब बच्चा स्कूल आ जाता है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल की ही हो जाती है। यह बोलते हुए सरदार पटेल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीरेखा श्रीवास्तव आगे कहती है कि इस तरह से कोई बांड भरवाने से स्कूल और शिक्षक अपना पीछा नहीं छुड़ा सकते। बच्चों की जिम्मेदारी सबकी है। शिक्षा के साथ हमें सुरक्षा भी देनी ही होगी।
पूरी तरह स्कूल पर जिम्मेदारी नहीं थोपें
मॉम टू मॉम की प्रिंसिपल प्रीति वर्मा ने कहा कि सभी स्कूल ईमानदारी से बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी लेते हैं। लेकिन हादसा कहकर नहीं आता और रीजन कोई भी बन जाता है। कई मामलों में पैरेंट्स भी स्कूल प्रबंधन पर ही सबकुछ डाल देते हैं। जो भी हो बच्चे के साथ कुछ भी गलत होने से बुरा सभी को लगता है। लेकिन पूरी तरह से स्कूल पर जिम्मेदारी थौपना भी गलत है।


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