यीशू का बलिदान देता है प्रेम और क्षमा का संदेश

प्रभु यीशू का बलिदान दिवस ‘गुड फ्राइडेÓ का पावन पर्व आज देश भर में मनाया जा रहा है। यह ईसाई समुदाय का प्रमुख त्यौहार है। कहा जाता है कि आज के दिन ही प्रभु ईसा मसीह ने अपने भक्तों के लिए बलिदान देकर नि:स्वार्थ प्रेम का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया था। प्रभु ईसा मसीह ने सूली पर चढ़कर प्रेम और क्षमा का संदेश दिया था। आज के ही दिन ईसा मसीह ने विरोध और यातनाएं सहते हुए अपने प्राण त्याग थे।
उनके इसी बलिदान को याद करने और उनके वचनों के माध्यम से इंसानियत की राह दिखाने वाले ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने का दिन है गुड फ्राइडे। इस दिन को पवित्र फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ईस्टर फ्राइडे भी कहते हैं। इस दिन दुनिया के अधिकांश देशों में सरकारी अवकाश घोषित है। ईसाई लोग आज के दिन प्रभु ईसा की याद में व्रत रखते हैं और गिरजाघरों में जाकर प्रार्थनाएं करते हैं। खासकर लोग गिरजा घरों में दोपहर बाद इक_ा होते हैं और करीब 3 बजे भावभीनी प्रार्थना करते हैं। गुड फ्राइडे वाले सप्ताह को ईसाई एक पवित्र सप्ताह मानते हैं और गुड फ्राइडे के मौके पर चर्चों में प्रार्थना के अलावा किसी प्रकार का उत्साह या सेलेब्रेशन नहीं किया जाता। बहुत से लोग इस दौरान दुख भी मनाते हैं। माना जाता है कि आज के दिन ईसा मसीह को दोपहर बाद करीब 3 बजे ही क्रॉस नुमा खंभे पर लटकाया गया था। गुड फ्राइडे मनाने की परंपरा 100 ईसा से है। इस दिन गिरजाघरों में पादरी और अन्य अनुयाई लोगों को प्रभु ईसा मसीह की तरह ही इंसान से प्रेम करने व उनके अपराधों को क्षमा करने का संदेश देते हैं।

प्रभु ईसा के अंतिम शब्द
प्रभु ईसा के दिए गए उपदेशो और शिक्षाओं को याद करते हैं। सूली पर लटकाए जाने के दौरान उन्होंने अंतिम संदेश दिया था कि किसी को क्षमा करना सबसे बड़ी शक्ति होती है। अपने प्राणों को त्यागने के पहले उनके आखिरी शब्द थे- हे ईश्वर इन्हें माफ कर दें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।
आज के ही दिन प्रभु ईसा को सूली पर लटकाए जाने से पहले उन्हें तमाम तरह की यातनाएं दी। उनके सिर पर कांटो का ताज पहनाया गया। फिर सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने को कहा गया इस दौरान उन पर लगातार चाबुक बरसाए गए। फिर बेरहमी से कीलों की सहायता से उनको सूली पर लटका दिया गया। कहते है कि करीब 6 घंटे वह सूली पर लटके रहे। बाइबिल के अनुसार जब प्रभु ईसा अपने प्राण त्याग रहे थे तो उन्होंने ईश्वर को पुकारकर कहा कि हे पिता मैं अपनी आत्मा को तुम्हारे हाथों को सौंपता हूं। फिर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। इस दिन गिरजाघरों में ईसाई धर्म को मनाने वाले लोग सभी को ईसा मसीह की तरह इंसान से प्रेम और उनके अपराधों को माफ करने का संदेश देते हैं।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें