चीन का दावा- LAC से ज्यादातर सैनिक पीछे हटे, भारत ने बीजिंग के बयान को बताया झूठा

बीजिंग: चीन (China) ने दावा किया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के अधिकांश सैनिक पूरी तरह पीछे हट गए हैं. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने चीन के इस दावे को झूठा करार दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चीन और भारत (India) के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है.

दरअसल, चीन की सरकारी मीडिया के एक पत्रकार ने उनसे मीडिया में आयी उन खबरों पर टिप्पणी करने को कहा था, जिनमें कहा गया है कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और कोंगका दर्रा इलाकों में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और सिर्फ पैंगोंग सो इलाके में ही सैनिकों को पीछे हटना है.

इस पर प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत ने हाल ही में सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों से गहन बातचीत की है. सीमा पर अग्रिम पंक्ति के चीनी और भारतीय सैनिकों ने ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार ने चीन के इस बयान को गलत करार दिया है.

वांग द्वारा मंदारिन भाषा में की गई टिप्पणी का अंग्रेजी में अनुवाद करके चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. इसमें कहा गया है, ‘चूंकि अग्रिम पंक्ति के सैनिक ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं, इसलिए जमीनी स्तर पर तनाव कम हो रहा है. हमने कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता की और परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की तीन बैठकें कीं. अब शेष मुद्दों के समाधान के लिये कमांडर स्तर की पांचवें दौर की वार्ता के लिए दोनों पक्ष सक्रियता से तैयारी कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत हमारे बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिये चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती इलाके में शांति एवं स्थिरता को कायम रखेगा’.

जल्द होगी अगले दौर की वार्ता
यह पूछे जाने पर कि कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता कब होगी, वांग ने कहा कि समय आने पर सूचना जारी कर दी जाएगी. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को शीघ्र एवं पूरी तरह से हटाने पर सहमत हुए हैं. इस संबंध में जल्द ही सैन्य वार्ता हो सकती है, ताकि सैनिकों को शीघ्रता से हटाने तथा तनाव कम करने और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता को बहाल करने के लिए कदम उठाये जा सकें.

भारत ने चीन से सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बनी सहमति का गंभीरता से क्रियान्वयन करने को भी कहा था. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव घटाने के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पांच जुलाई को टेलीफोन पर करीब दो घंटे बातचीत की थी. डोभाल और वांग के बीच हुई बातचीत के बाद भारत और चीन ने छह जुलाई से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी. दोनों सीमा मुद्दे पर अपने-अपने देश के विशेष प्रतिनिधि हैं.

15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया है. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे. चीनी सैनिक भी इसमें हताहत हुए, लेकिन चीनी सेना ने इसकी कोई संख्या सार्वजनिक नहीं की है. हालांकि, अमेरिकी खुफिया विभाग मुताबिक चीन के 35 सैनिक मारे गए थे.


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