राष्ट्रपति चुनाव: डोनाल्ड ट्रंप या जो बिडेन? अमेरिकी जनता आज करेगी फैसला

वॉशिंगटन: अमेरिकी जनता आज (3 नवंबर) तय करेगी कि उसे डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर विश्वास है या उनके प्रतिद्वंद्वी जे बिडेन (Joe Biden) पर. राष्ट्रपति चुनाव (US Election) के लिए आज वोट डाले जाएंगे. भारतीय समय के अनुसार शाम करीब साढ़े 4 बजे से वोटिंग शुरू होगी. राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिन उम्मीदवार डोनॉल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार जे बिडेन के बीच मुकाबला है. हालांकि, अब तक के सर्वेक्षणों में बिडेन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है.

हार-जीत पर बनेंगे रिकॉर्ड
इन चुनाव में ट्रंप और बिडेन की हार-जीत से रिकॉर्ड बनेगा. यदि डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हारते हैं तो 1988 में जॉर्ज बुश सीनियर के बाद पहले राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें दूसरा कार्यकाल नसीब नहीं हुआ. वहीं, अगर बिडेन को जीत मिलती है, तो वह अमेरिकी चुनाव में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. आपको बता दें कि ट्रंप की उम्र 74 वर्ष है और बिडेन 78 साल के हैं.

यहां देखा जा सकता है चुनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव Zee News के सहयोगी चैनल WION सहित सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा. अमेरिकी चुनाव को लेकर पूरे विश्व की निगाहे हैं. खासकर चीन बेहद बारीकी से नजर रखे हुए है, क्योंकि कोरोना वायरस को लेकर डोनाल्ड ट्रंप चीन के प्रति काफी सख्त रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने वीगर मुस्लिमों के मुद्दे पर भी बीजिंग को घेरा है. ऐसे में चीन यही चाहेगा कि ट्रंप को जीत नसीब न हो.

ट्रंप पर भारी बिडेन
कई सर्वे में बिडेन डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त बनाए हुए हैं. अर्ली वोटिंग और डाक मतपत्र के माध्यम से अब तक पौन दस करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं. यह संख्या वर्ष 2016 में डाले गए वोटों का लगभग 68% है. गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिका में जीत सिर्फ पॉपुलर वोट से नहीं होती. राष्ट्रपति बनने के लिए दोनों प्रत्याशियों में से किसी एक को 538 इलेक्टोरल कॉलेज में से 270 में जीत हासिल करने होंगे. सीधे शब्दों में कहें तो जिस उम्मीदवार को 270 इलेक्टर्स का समर्थन मिल जाता है, वह राष्ट्रपति बनता है.

ये हैं प्रमुख मुद्दे
कोरोना वायरस और बेरोजगारी सबसे प्रमुख मुद्दे हैं, जिन पर ट्रंप और बिडेन वोट मांग रहे हैं. ट्रंप ने जहां यह साबित करने का प्रयास किया है कि कोरोना महामारी से निपटने में उनकी सरकार काफी हद तक सफल रही है, वहीं बिडेन सरकार की विफलता को रेखांकित करते आये हैं. ट्रंप ने महामारी के लिए सीधे तौर पर चीन को दोषी करार दिया है और उसके खिलाफ कड़े कदम उठाकर यह बताने की कोशिश की है कि वो इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है. इसके अलावा, उन्होंने वीजा संबंधी नियमों में संशोधन करके नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की दिशा में भी कदम उठाया है.


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