जिस राजू के इंतजार में पथरा गई थीं मां की आंखें, 13 साल बाद PAK से लौटा तो कुछ याद नहीं

शहडोल: पाकिस्तान की जेल में सालों से कैद मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के राजू को भारत सरकार की पहल पर सोमवार को रिहा कर दिया गया है. अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा से राजू को अपने भारत वापस लाया जा चुका है. लेकिन वहां उसे इतनी प्रताड़ना दी गई कि उसकी आवाज जा चुकी है, वह ज्यादा कुछ सोचने-समझने की हालत में नहीं है.

कैसे पहुंचा था पाकिस्तान
शहडोल जिले के गोहपारु थाना क्षेत्र के बरेली गांव का रहने वाला 30 वर्षीय राजू गुप्ता आज से 17 वर्ष पहले रोजगार की तलाश में सूरत और मुम्बई की खाक छान रहा था. जहां से वह गलती से पाकिस्तान चला गया था और वहां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.काफी समय तक उसका पता नहीं चला पाया, लेकिन कईं साल बीत जाने के बाद राजू के परिजनों को राजू के पाकिस्तान जेल में बंद होने की सूचना मिली.

6 महीने पहले राजू के परिजनों ने उसे वतन वापस बुलाने के लिए शहडोल एसपी से मदद की गुहार लगाई थी. जिसके बाद यह मामला केंद्रीय सरकार तक पहुंचा और सरकार की पहल पर पाकिस्तान ने राजू को रिहा कर दिया. राजू को सोमवार को वतन लाया गया है.

खत्म हुआ एक मां का इंतजार
राजू के लापता हो जाने के बाद से उसकी मां का बुरा हाल था. जब उन्हें पता चला कि राजू पाक जेल में बंद है, तब उन्होंने उसे वापस लाने के लिए कानून के दरवाजे खटखटाए. अब जब राजू वतन लौट चुका है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है.

पाक जेल में मिलता था थर्ड डिग्री टॉर्चर
जानकारी के मुताबिक पाक जेल में राजू को थर्ड डिग्री का टॉर्चर दिया जाता था. पाकिस्तानी पुलिस उसके साथ लगातार मारपीट करती थी. जिसकी वजह से उसकी मानसिक हालत भी बिगड़ चुकी है. फिलहाल राजू कुछ भी बताने में असमर्थ है. यहां तक की उसके साथ हुए टॉर्चर ने उसकी आवाज तक छीन ली है.

जब राजू से पूछा गया कि वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा, तो इस सवाल के जवाब में कभी वह कहता कि ट्रेन से गया, तो कभी पैदल ही पाकिस्तान जाने की बात कह रहा है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राजू किस अपराध में पाकिस्तान की जेल में 13 वर्ष तक बंद रहा.


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