CM शिवराज ने कृषि मंत्री, रेल मंत्री से की मुलाकात, गेहूं खरीदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार से की ये मांग

भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात की. सीएम ने बताया कि पिछले साल मध्य प्रदेश, गेहूं की खरीदी के मामले में देशभर में पहले स्थान पर था. इसलिए कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि 84 लाख मीट्रिक टन गेहूं प्रदेश के वेयरहाउस और गोदामों में भरा हुआ है, जिसे जल्द से जल्द से उठवाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गेंहू एमएसपी पर ही खरीदा जाएगा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें इस बात से आश्वस्त कराया है.

सीएम शिवराज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहते है कि कोरोना काल में पूरे प्रदेश में पीडीएस सिस्टम के लिए गेहूं की कमी नहीं होने दी गई. यहां तक कि गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राशन में जरूरतमंदों को दाल भी उपलब्ध करवायी गयी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पूरी वितरण प्रक्रिया में लगभग 7 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा खर्च किए गए हैं. उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार इस राशि की प्रतिपूर्ति शीघ्र करें ताकि इस राशि का अन्य विकास कार्यों में इस्तेमाल हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह राशि जल्द ही प्रदेश को भिजवाई जाएगी.

प्रदेश में नहीं होगा मैनुअल फाटक
दिल्ली दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद सीएम शिवराज ने बताया कि हमने तय किया है कि प्रदेश में कोई भी मैनुअल फाटक नहीं रहेगा, जहां पर इस तरह के फाटक हैं, उन स्थानों पर अंडर ब्रिज बनवाया जाएगा. सीएम ने बताया कि प्रदेश में ऐसे 105 स्थान चिन्हित किए हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस काम में लगने वाली राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाता है. जबकि 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि अगर वह स्वीकृति दे दें तो राज्य सरकार अपने बजट में इस काम के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था करेगी. हमारी कोशिश होगी कि 2 साल के अंदर यह सभी अंडर ब्रिज बनाए जाए. ताकि प्रदेश में कोई भी मैनुअल फाटक आने वाले 2 साल में ना रहे. इसके अलावा कई जगह पर रेल परियोजनाओं पर पहले भी उन्होंने स्वीकृति दी है, जिन पर काम चल रहा है और जो पेंडिंग इश्यूज हैं, उन पर इस बजट में विचार किया जाएगा.


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