Uyghur Muslims का शोषण करने वाले China ने कहा, ‘हमारे यहां सबको अपने हिसाब से जीवन जीने की आजादी’

बीजिंग: चीन ने वीगर मुसलमानों (Uyghur Muslim) को लेकर एक बार फिर बड़ा झूठ बोला है. बीजिंग ने कहा है कि शिनजियांग प्रांत में (Xinjiang Province) बने शिविरों में कोई शोषण नहीं होता, यहां सभी को अपने हिसाब से जीवन जीने की आजादी है. अमेरिका (America) की तरफ से इस मुद्दे पर बढ़ते दबाव के बीच चीन (China) ने यह झूठ बोला है, लेकिन सच्चाई से पूरी दुनिया वाकिफ है और सच्चाई यह है कि इन शिविरों में अल्पसंख्यकों को गुलामों की तरह रखा जाता है. चीन की सरकार मुस्लिमों (Muslims) को पूरी तरह खत्म करने में लगी है.

धार्मिक आजादी का दिया हवाला
DAWN की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) के समक्ष बोलते हुए कहा कि शिनजियांग प्रांत के शिविरों में रहने वाले वीगर मुस्लिमों को आतंकवाद से मुकाबले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. शिविरों में उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा जाता है. उनकी धार्मिक आजादी पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. शिनजियांग प्रांत में 24,000 मस्जिदें थीं, जहां जातीय समूहों के लोगों के श्रम अधिकारों का भी ध्यान रखा जाता था.

UN के लिए खुले हैं दरवाजे
विदेश मंत्री ने कहा कि इन बुनियादी तथ्यों से पता चलता है कि शिनजियांग में कभी भी नरसंहार, जबरन श्रम या धार्मिक उत्पीड़न जैसी घटनाएं नहीं हुईं. चीन पर लगाए जा रहे आरोप पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और केवल राजनीतिक कारणों से उसे निशाना बनाया जा रहा है. वांग यी ने कहा कि शिनजियांग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं. हम ह्यूमन राइट्स के हाई कमिश्नर को भी आमंत्रित करते हैं. वे खुद आकर देखे सकते हैं कि शिनजियांग में नरसंहार जैसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा अब तक जितने भी देशों के लोग यहां आए हैं सभी जानते हैं कि हम पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.

America ने फिर जताई चिंता
वहीं, अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत और तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है. अमेरिका ने चीन पर हांगकांग में भी मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि शिनजियांग, तिब्बत और चीन में कई जगहों पर मानव अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, और हांगकांग में स्वायत्तता को भी रौंदा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा. बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर हुई बातचीत में भी इस मुद्दे को उठाया था.


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