Indian Navy में शामिल होने वाली है INS करंज सबमरीन, उड़ेगी चीन और पाकिस्तान की नींद

नई दिल्ली: स्कॉर्पीन क्लास की सबमरीन आईएनएस करंज (INS Karanj) आज (10 मार्च) इंडियन नेवी (Indian Navy) में शामिल हो जाएगी. करंज के जंगी बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत और क्षमता में इजाफा होगा. इससे पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ गई है, क्योंकि आईएनएस करंज की खासियत ही कुछ ऐसी है. तो चलिए आपको बताते हैं सबमरीन INS करंज के बारे में कुछ खास बातें, जो आपके लिए जान लेना बेहद जरूरी है… (इनपुट- बेंगलुरु से जयपाल शर्मा और मुंबई से अंकुर त्यागी की रिपोर्ट) (फोटो सोर्स- इंडियन नेवी वीडियो)

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पलक झपकते दुशमन के परखच्चे उड़ा देगी
INS Karanj power
दुश्मन के लिए आईएनएस करंज (INS Karanj) घातक अदृष्य हथियार है. दुश्मन के लिए उसे ढूंढ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है और यह सबमरीन पलक झपकते ही दुश्मन के परखच्चे उड़ा देगी.

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हर टेस्ट में अव्वल रही है आईएनएस करंज
INS Karanj topped every test
सबमरीन आईएनएस करंज (INS Karanj) को साल 2018 में समुद्र में टेस्ट के लिए उतारा गया था. करंज हर टेस्ट में अव्वल रही है.

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कलवरी क्लास की सबमरीन
Kalvari class submarine
कलवरी क्लास की पहली दो सबमरीन कलवरी और खंडेरी पहले ही नौसेना में शामिल हो चुकी हैं. कलवरी क्लास की कुल 6 सबरमीन मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में बनाई जा रही हैं और अब आईएनएस करंज भारतीय नौसेना के दस्ते में शामिल देश की आन बान और शान बनने के लिए तैयार है.

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समुद्र में 50 दिनों तक रह सकती है करंज
Karanja remain in the sea for 50 days
न्यूक्लियर सबमरीन के अलावा भारतीय नौसेना की सभी सबमरीन डीजल-इलेक्ट्रिक हैं और एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन न होने की वजह से इन्हें हर एक-दो दिन में सतह पर आना पड़ता है. इस खामी को INS करंज में दूर कर लिया गया है. INS करंज स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है और आईएनएस करंज (INS Karanj) सबमरीन समुद्र में 50 दिनों तक रह सकती है.

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समुद्र में बिछा सकती है बारूदी सुरंग
Karanj can laid land mine
आईएनएस करंज (INS Karanj) एक बार में 12000 किमी तक की यात्रा कर सकती है. इसमें 8 अफसर और 35 नौसैनिक काम करते हैं. ये समुद्र के अंदर 350 मीटर तक गोता लगा सकती हैं. कलवरी क्लास की सबमरीन समुद्र के अंदर 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. खास बात ये कि INS करंज में दुश्मन के जहाज़ को तबाह करने के लिए टॉरपीडो लगे हैं. इसके अलावा, ये समुद्र में बारूदी सुरंगें भी बिछा सकती हैं.

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सबमरीन INS करंज की खास बातें
Special features of Submarine INS Karanj
INS करंज में सतह और पानी के अंदर से टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता है. ऐसा दावा है कि INS करंज लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाकर दुश्मनों को तबाह करने में सक्षम है. इसके साथ ही इस पनडुब्बी में एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने, माइन्स बिछाने और एरिया सर्विलांस जैसे सैन्य अभियानों को अंजाम देने की क्षमता है. स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी INS करंज में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे दुश्मन देशों की नौसेनाओं के लिए इसका पता लगाना मुश्किल होगा. ये एक ऐसी सबमरीन है, जिसे लंबी दूरी वाले मिशन में ऑक्सीजन लेने के लिए सतह पर आने की जरूरत नहीं है. इस तकनीक को डीआरडीओ के नेवल मैटेरियल्स रिसर्च लैब ने विकसित किया है.

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भारतीय नौसेना के पास कुल 18 सबमरीन
Indian Navy has total 18 submarines
अभी भारतीय नौसेना के पास सिंधु क्लास की 9, शिशुमार क्लास की 3, कलवरी क्लास की 2 और एक न्यूक्लियर सबमरीन INS चक्र यानी कुल 15 सबमरीन हैं. अरिंहत क्लास की दो सबमरीन यानी INS अरिहंत और INS अरिघात 15 पनडुब्बियों से अलग हैं, जो न्यूक्लियर बैलेस्टिक सबमरीन हैं.

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नाकामयाब होगी चीन की चाल
China and Pakistan move will fail
जिस तेजी से साउथ चाइना सी में चीन की चालबाजी बढ़ रही है. उस हिसाब से भारतीय नौसेना को समुद्री सुरक्षा के लिए जबरदस्त तैयारी करनी पड़ रही है, क्योंकि चीन का खाड़ी देशों का समुद्री रास्ता मलक्का स्ट्रेट से होकर गुजरता है. ऐसे में अगर साउथ चाइना सी में चीन हेकड़ी दिखाता है तो भारत मलक्का स्ट्रेट में उसका रास्ता रोक सकता है और उस वक्त दुश्मन पर नजर रखने और उस पर अटैक करने मे INS करंज की क्षमता पर कोई संदेह नहीं.


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