हमीदिया रेमडेसिविर चोरी मामला: पूर्व अधीक्षक पर गिरी गाज, पर बोले- खुद दिया इस्तीफा

भोपाल: हमीदिया अस्पताल के सेंट्रल ड्रग स्टोर से हुई 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामले की जांच में नया मोड़ आ गया है. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने ड्रग स्टोर के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया से देर रात की पूछताछ की थी. उनसे पूछताछ की गई थी. फिर खबर मिली कि चौरसिया को हटा दिया गया है, लेकिन हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया ने वीडियो जारी कर से बेबुनियाद बताया है.

हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया ने बयान का वीडियो जारी किया है. उन्होंने कहा है, “मुझे हटाया नहीं गया, मैंने खुद पद से मुक्त करने के लिए पत्र लिखा था. चौरसिया ने क्राइम ब्रांच द्वारा हिरासत में लिए जाने की खबरों को गलत बताया है.” जारी वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे न ही पकड़ा गया और न ही बैठाया गया, मुझे अधीक्षक होने के नाते बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.”

30 लोगों से हो चुकी है पूछताछ
इससे पहले इंजेक्शन चोरी मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने ड्रग स्टोर पर छापेमारी की थी. यहां से टीम को एक डायरी मिली थी. जिसमें स्टोर से जुड़े लोगों द्वारा ही इंजेक्शन की हेराफेरी की संलिप्तता उजागर हुई है. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. लेकिन गड़बड़झाले की तह तक पहुंचने के लिए क्राइम ब्रांच 30 लोगों से पूछताछ की है.
क्राइम ब्रांच डीआईजी ने कहा कि जल्द कर पूरे मामले का खुलासा करेंगे.

क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि हमीदिया अस्पताल के सेंट्रल ड्रग स्टोर से हुई 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी हो गए थे. बाद में पता चला कि 6 इंजेक्शन दिल्ली के एक मरीज को लगे हैं. ये इंजेक्शन सेंट्रल स्टोर के फार्मासिस्ट के साले को लगे थे, जो दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है. हालत क्रिटिकल होने की वजह से उसको रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता थी. मामले में जब पुलिस ने फॉर्मासिस्ट से पूछताछ की तो उसने इस बात को कबूल लिया. उसने बताया वह डी-ब्लॉक से छह इंजेक्शन रेमडेसिविर का इश्यू कराया था और क्रांति एक्सप्रेस के जरिए इंजेक्शन लेकर दिल्ली गया था. इंजेक्शन देने के बाद वह अगली सुबह फिर ट्रेन पकड़कर भोपाल आ गया था.

फॉर्मासिस्ट के बताए अनुसार जब पुलिस ने दिल्ली के अस्पताल से इंजेक्शन की सीरीज मंगवाई तो उसका मिलान स्टोर से गायब हुए इंजेक्शन की होना पाया गया. जबकि डी ब्लाक के नर्सिंग स्टाफ ने मना किया है कि उनके द्वारा फार्मासिस्ट को रेमडेसिविर इश्यू नहीं किए हैं.


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