Budget 2023: अब रेलवे की बारी! मोदी सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, बजट में ट्रेनों को लेकर हो सकता है ये खुलासा

देश में कुछ ही दिनों में केंद्रीय बजट 2023 पेश किया जाना है. इस बार के बजट में कई अहम ऐलान किए जाने की संभावना है. इस बीच सरकार की ओर से रेलवे के लिए भी कई अहम घोषणाएं की जा सकती है. इन घोषणाओं में कई नई ट्रेन चलाने की जानकारी भी दी जा सकती है. साथ ही हाई स्पीड ट्रेनों को लेकर भी ऐलान किए जाने की संभावनाएं है. मोदी सरकार लगातार हाई स्पीड ट्रेनों की तरफ अपना फोकस बनाए हुए है. वंदे भारत ट्रेन की लॉन्चिंग इसका एक बढ़िया उदाहरण भी है. साथ ही बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर भी काम जारी है. ऐसे में इस बार भी सरकार इन हाई स्पीड ट्रेन को नए आयाम देने की कोशिश करेगी. रेलवे बजट को 2017 में केंद्रीय बजट के साथ मिला दिया गया था. वित्त मंत्री अब उसी दिन एकीकृत बजट पेश करते हैं.

रेलवे
वहीं ऐसा माना जा रहा है कि इस बार सरकार की ओर से बजट में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों के प्लान का खुलासा किया जा सकता है. यह तीन साल में 400 सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के प्लान के अतिरिक्त है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में पहले ही पेश कर दिया था. इन सैकड़ों नई ट्रेनों की शुरुआत के साथ, केंद्र सरकार का टारगेट दो लक्ष्यों को पूरा करना है.

बजट
इनमें राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस समेत सभी मौजूदा हाई-स्पीड ट्रेनों को धीरे-धीरे बदलने का लक्ष्य शामिल हो सकता है ताकि महत्वपूर्ण मार्गों पर स्पीड को 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा बढ़ाया जा सके. इसके अलावा दूसरा लक्ष्य साल 2025-26 तक पूर्वी एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के बाजारों में निर्यात करने के लिए ट्रेनों के निर्माण के लिए रेलवे की नींव रखना है.

रेलवे बजट
भारतीय रेलवे की गति और निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने की इस योजना के अलावा बजट में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए धन आवंटन में भी इजाफा हो सकता है. इस बजट में वित्तीय वर्ष 2024 के लिए सरकार के जरिए बजटीय सहायता को बढ़ाकर 1.9 लाख करोड़ रुपये करने की संभावना है. यह चालू वर्ष में 1.4 लाख करोड़ रुपये से 30 प्रतिशत अधिक होगी.

ट्रेन
रेल मंत्रालय आगामी वित्तीय वर्ष में अपने कुल पूंजीगत व्यय में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि, 3 ट्रिलियन रुपये से अधिक होने का अनुमान लगा रहा है. इस वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय 2.45 लाख करोड़ रुपये था. उम्मीद है कि भारतीय रेलवे नई लाइनों के निर्माण, विद्युतीकरण, फ्रेट कॉरिडोर में सुधार, गेज परिवर्तन, सिग्नलिंग सिस्टम में सुधार और रेक के आधुनिकीकरण सहित विभिन्न परियोजनाओं की गति में सुधार करेगा.


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