पाकिस्तानी संसद पर 2014 में हुए हमले के मामले में इमरान खान दोषमुक्त करार

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) को गुरुवार को एक आतंकरोधी अदालत (Anti-terror court) ने वर्ष 2014 में संसद पर हमले के मामले में दोषमुक्त करार दिया. हालांकि अदालत ने इस मामले में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों को 12 नवंबर को तलब किया है.

मीडिया में प्रकाशित खबर में यह जानकारी सामने आई. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया कि आंतकरोधी अदालत के न्यायाधीश राजा जावेद अब्बास हसन ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के कार्यकर्ताओं ने 31 अगस्त 2014 को संसद में घुसने और प्रधानमंत्री आवास की ओर जाने का प्रयास किया था.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 26 अन्य घायल हो गए थे. पीटीआई अब देश की सत्ता पर काबिज है. पुलिस ने इमरान खान तथा पीटीआई के अन्य नेताओं के विरुद्ध आतंकवाद निरोधी धाराओं में मामला दर्ज किया था. डॉन अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान खान की दोषमुक्ति उनके द्वारा इस हफ्ते अदालत से किए गए आग्रह के बाद सामने आई है.

इमरान ने अभियोजन पक्ष द्वारा मामले को आगे नहीं बढ़ाए जाने में रुचि नहीं दिखाने का हवाला देते हुए उन्हें दोषमुक्त करने का अदालत से आग्रह किया था. संसदीय मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार बाबर अवान के बेटे और सरकारी वकील अब्दुल्ला बाबर अवान ने अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष खान को दोषमुक्त करने के पक्ष में है. अभियोजन पक्ष के वकील की ओर से दायर आवेदन में कहा गया, “आवेदक को गलत इरादे से फंसाया गया और गलत मामले में घसीटा गया. आगे की कार्रवाई से उनका राजनीतिक उत्पीड़न होगा.”

डॉन अखबार की खबर के अनुसार, वकील के अनुसार अभियोजन पक्ष के किसी भी चश्मदीद ने प्रधानमंत्री के खिलाफ गवाही नहीं दी थी और इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. खबर के मुताबिक अभियोजन पक्ष के वकील सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और सरकार से निर्देश प्राप्त करते हैं. तत्कालीन अभियोजन टीम ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन)सरकार के तहत संसद हमले के मामले की पैरवी की थी, लेकिन अब वकीलों की टीम है और पीटीआई सरकार के आने के बाद स्थिति बदल गई है.

न्यायाधीश हसन ने विदेश मंत्री कुरैशी, रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, शिक्षा मंत्री शफकत महमूद और योजना मंत्री असद उमर को 12 नवंबर को अगली सुनवाई पर तलब किया है.


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