चुनाव हारने के बाद भी मंत्री पद नहीं छोड़ रही इमरती देवी, ये है बड़ी वजह

भोपालः मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री चुनाव हार गए. चुनाव हारने वाले मंत्रियों में इमरती देवी, ऐंदल सिंह कंसाना और गिर्राज डंण्डौतिया शामिल थे. चुनाव हारने के बाद कंसाना और डंण्डौतिया ने इस्तीफा दे दिया. लेकिन इमरती देवी ने अब तक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर चुनाव हारने के बाद भी इमरती देवी मंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रही हैं.

28 नवंबर को होगी कैबिनेट बैठक
उपचुनाव के नतीजों के बाद कैबिनेट की पहली बैठक 26 नवंबर को होने जा रही है. जिसमें इमरती देवी शामिल होंगी या नहीं इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है. हालांकि इमरती देवी कह चुकी है कि वे चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बनी रहेगी.

मंत्री पद क्यो नहीं छोड़ रही इमरती देवी
संविधान के नियमों के अनुसार कोई भी व्यक्ति बिना विधायक बने 6 महीने तक ही मंत्री रह सकता है. इस बीच अगर वह विधायक बन जाता है तो उसे पद नहीं छोड़ना पड़ता. लेकिन अगर वह विधायक नहीं बन पाता तो 6 महीने बाद वह मंत्री पद से अपने आप ही हट जाता है. नेतिकता के आधार पर चुनाव हारने के बाद इमरती देवी को इस्तीफा देना चाहिए था. लेकिन फिलहाल वह 2 जनवरी तक मंत्री पद पर रह सकती हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 6 महीने पूरे होने के बाद ही वे शायद मंत्री पद से इस्तीफा देगी.

सिंधिया से मुलाकात भी अहम
बताया जा रहा है कि चुनाव हारने के बाद से अब तक इमरती देवी की मुलाकात अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया से नहीं हुई है. ऐसे में सूत्रों का कहना है कि इमरती देवी सिंधिया से मुलाकात के बाद ही मंत्रीपद छोड़ सकती है. माना जा रहा है कि चुनाव हारने के बाद सिंधिया इमरती देवी को निगम मंडल जगह दिए जाने की मांग कर सकते हैं. हालांकि अब तक सिंधिया ने इस मामले में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन इमरती देवी की गिनती उनके सबसे खास समर्थकों में होती है. ऐसे में वे किसी न किसी स्थिति में इमरती देवी का पुर्नवास चाहते हैं. हालांकि माना जा रहा है कि उन्हें बीजेपी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है.

अपने ही समधि से हारी इमरती देवी
इमरती देवी को उनकी परंपरागत डबरा विधानसभा सीट पर अपने ही समधि सुरेश राजे के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. फिलहाल वे महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. जबकि मंत्री गिर्राज डंण्डौतिया को दिमनी सीट पर कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर से हार का सामना करना पड़ा. तो ऐंदल सिंह कंसाना सुमावली सीट से कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाहा से चुनाव हार गए.

दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
हालांकि चुनाव हारने के बाद मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना ने सबसे पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. तो दो दिन पहले राज्यमंत्री गिर्राज डंण्डौतिया ने भी इस्तीफा दे दिया. लेकिन दोनों मंत्रियों का इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि दोनों हारे हुए मंत्री 26 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं होंगे. जबकि जबकि तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने 6 महीने पूरे होने के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन दोनों नेताओं के उपचुनाव जीतने के बाद माना जा रहा है कि उन्हें जल्द ही शिवराज सरकार में मंत्री बनाया जाएगा.


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