तय सीमा में नहीं बनी सड़कें तो नपेंगे इंजीनियर

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
चुनावी साल में शिवराज सरकार को अब सड़कों की चिंता सता रही है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को चेतावनी दी गई है कि तय सीमा में सड़कें नहीं बनी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण कार्यों को गति देने के संबंध में शासन ने जिम्मेदारी तय करते हुए अफसरों और इंजीनियरों को सजग रहने के लिए कहा है। साथ ही उन्हें ठेकेदार के साथ समन्वय बनाकर चलना होगा।
इन दिनों सरकार की पहली प्राथमिकता सड़कों का निर्माण और उसकी मरम्मत है। सरकार ने सड़कों के निर्माण की कई सारी घोषणाएं की है। उस पर अमल नहीं हो पा रहा है। पूरी घोषणाएं भी अधूरी पड़ी है। चुनाव पूर्व इन सड़कों को पूरी करना है। सड़कों के निर्माण को गति देन और उसकी गुणवत्ता के लिए राज्य शासन ने मप्र रोड डेव्हलपमेंट कारपोरेशन, लोक निर्माण विभाग और उसकी परियोजना क्रियान्वयन इकाई के इंजीनियरों को उनके दायित्व के संबंध में नई गाइड लाइन जारी की गई है। इसके तहत ठेकेदार द्वारा मांगी जा रही अनुमतियों को तत्काल मंजूरी दी जाए। खासतौर से डिजाइन एप्रूवल के संबंध में निर्णय लेने में लापरवाही न बरती जाएं। ठेकेदारों को भी समय-समय पर पैमेंट किया जाए। उसका भुगतान न रोका जाए। शासन को देखने में आया है कि इंजीनियरों द्वारा ठेकेदारों का भुगतान रोक दिया जाता है। जिसके चलते ठेकेदार काम बंद कर देता है। इससे संबंधित विकास कार्य की लागत बढ़ती है और समय सीमा में काम नहीं हो पाते है। कई बार वैधानिक दिक्कतें भी खड़ी हो जाती है। जिम्मेदारियों को सर्चोच्च प्राथमिकता को निभाने के लिए कहा गया है।
80 प्रतिशत भूमि उपलब्ध कराएं
इंजीनियरों से कहा गया है कि निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त होते ही संबंधित कार्यपालन यंत्री को सर्वप्रथम स्थल की उपलब्धता मालूम होना चाहिए। किसी भी स्थिति में निविदा बुलाने के पूर्व कम से कम 8 0 प्रतिशत भूमि उपलब्धता होना अनिवार्य है। साथ ही यह तय करना होगा वह भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो। शेष भूमि एक महीने के भीतर उपलब्ध कर दी जाना चािहए। विशेष परिस्थितियों में प्रमुख अभियंता 8 0 प्रतिशत भूमि की उपलब्धता के मापदंडको लिखित आदेश के साथ शिथिल कर सकते हैं।
तीन महीने में करें पेड़ कटाई
इस गाइड लाइन के मुताबिक, यदि निर्माण कार्य में वन भूमि आती है तो यह तय करना आवश्यक होगा कि वर्क आर्डर देने से पहले वन विभाग से स्वीकृति प्राप्त कर ली जाए। वन विभाग से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लि प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक सेल बनाई जाए और प्रत्येक प्रकरण इस सेल के संज्ञान में लाया जाए। सड़क निर्माण में कई बार पेड़ों की कटाई आड़े आ जाती है। इंजीनियरों से कहा गया है कि वर्कआर्डर देने के तीन महीने की अवधि में सभी प्रकार के वृक्षों की कटाई की अनुमति प्राप्त हो जाएं। इसी तरह निर्माण कार्यों के लिए यूटिलिटी शिफ्टिंग की अनुमति लेकर काम शुरू करें। इंजीनियरों से कहा है कि इस पूरे मामले में सजग रहें। यदि इन कार्यों में कोई लापरवाही सामने आती है तो संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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