कान्हा-पेंच कॉरीडोर के गांवों को हटाने की तैयारी

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
कान्हा व पेंच कारीडोर के बीच आने वाले जिले के दो वन ग्राम मलधर व सिलेझरी को विस्थापित किया जाना है। इन दोनों ग्रामों में वन्य प्राणियों के अधिक आवागमन के कारण वहां के ग्रामीणों को अन्यत्र विस्थापित करने की योजना बनाई गई है।
दोनों ग्रामों के विस्थापन की कार्रवाई 10 अप्रैल 2018 तक पूर्ण कर ली जाएगी। ग्रामों के विस्थापन के लिए भारत सरकार द्वारा जिला प्रशासन को राशि उपलब्ध करा दी गई है। इन ग्रामों के ग्रामीणों के विस्थापन को लेकर कल कलेक्टर दुर्गविजय सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
प्रत्येक इकाई को मिलेंगे 10 लाख
विस्थापित होने ग्रामों के परिवार की प्रत्येक ईकाई को 10 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि ईकाई में शामिल पति और पत्नी के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी। 18 वर्ष से अधिक के युवा की राशि उसकी माता के साथ के संयुक्त खाते में जमा कराई जाएगी।
शीघ्र होगा पात्रता का निर्धारण
बैठक में तय किया गया कि वन ग्राम मलधर व सिलेझरी के विस्थापित होने वाले परिवारों का सत्यापन व पात्रता निर्धारण का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। इसके लिए राजस्व व वन विभाग के अधिकारी शीघ्र ही इन ग्रामों में जाएंगें। विस्थापित होने वाले परिवारों का राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुलवाया जाएगा। इन ग्रामों के परिवारों के खाते में एकमुश्त राशि जमा होने के साथ ही वे अपनी इच्छा से किसी अन्य स्थान पर बस सकते है। इन ग्रामों में स्थित स्कूल भवन, आंगनवाणी भवन, हैंडपंप व अन्य शासकीय संपत्ति वन विभाग के आधिपत्य में आ जाएगी।
ये है गांवों की स्थिति
बैठक में बताया गया कि वन विभाग द्वारा ग्राम मलधर व सिलेझरी के विस्थापित होने वाले ग्रामीणों का सर्वे कर लिया गया है। ग्राम मलधर में 50 परिवारों में 124 इकाई है और ग्राम सिलेझरी में 4 परिवारों में 14 इकाई है। विस्थापित होने वाले ग्राम के प्रत्येक परिवार में माता-पिता और उनके नाबालिग बधाों को एक ईकाई माना गया है। परिवार में यदि 18 वर्ष की आयु से अधिक का पुत्र या पुत्री है तो उसे अलग ईकाई माना गया है, भले ही वह अविवाहित है। इसी प्रकार परिवार की विधवा महिला व तलाकशुदा महिला, शरीरिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति को अलग इकाई माना गया है। ऐसा बधाा जिसके माता-पिता दोनों न हो उसे भी पृथक ईकाई माना गया है, भले ही वह 18 वर्ष से कम आयु का हो। परिवार के युवा को ईकाई मानने के लिए उसकी 18 वर्ष की आयु की गणना 01 अप्रैल 2018 को आधार मान कर की जाएगी।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें