विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
देश के शहरों को स्मार्ट बनाने के मिशन में जुटी केन्द्र सरकार नए-नए मापदण्डों पर शहरों को परख रही है। स्मार्ट सिटी के तहत शहरों में किए जाने वाले अधोसंरचना के कामों के साथ-साथ अब शहरों की आवोहवा भी तय करेगी कि कोई शहर स्मार्ट सिटी बनने लायक है या नहीं। स्मार्ट सिटी के चयनित देश के 116 शहरों की हवोहवा को परखने के लिए केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से इस पर आंकड़ों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए है।
केन्द्र के स्मार्ट सिटी मिशन में मप्र के सात शहरों को चयनित किया गया है, लिहाजा मप्र सरकार भी प्रदेश के शहरों की हवा-पानी, पर्यावरण और बेहतर स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों को परखने के लिए भोपाल में 12 मार्च को राज्य स्तरीय कार्यशाला करने जा रही है। इस कार्यशाला में स्मार्ट सिटी मिशन से जुड़े विभागों के साथ-साथ पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित उन सभी विभागों के आला अफसरों को ताजा आंकड़ों के साथ बुलाया गया है जो केन्द्र की गाइडलाइन के दायरे में आ रहे हैं। कवायद केन्द्र सरकार के उस सर्वे का हिस्सा है जो मानव जीवन के लिए जरूरी हवा, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य जरूरतों के शहरों में मानक स्तर को जानने के लिए किया जा रहा है। इस सर्वे के पीछे केंद्र सरकार की मंशा शहरों में जीवन की जरूरतों के मानक स्तरों में सुधार लाना है। इस सर्वे के लिए केन्द्र सरकार ने एक इंडेक्स तैयार किया है जिसमं 79 मानक तय किए गए हैं। इन्हीं मानकों पर शहरों को परखा जाना है। इसमें हवा-पानी, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रैफिक के साथ-साथ बिजली जैसी दूसरी सुविधाओं के स्तर को भी शामिल किया गया है। पर्यावरण विभाग प्रदूषण के स्तर की रिपोर्टदेगा तो ऊर्जा विभाग बिजली के कनेक्शन, बिल के पेमेंट की ऑनलाइन सुविधा के साथ इससे जुड़ी अन्य सर्विस की वास्तविकता की जानकारी देगा। शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के तहत इन शहरों की स्वास्थ्य सुविधा का सर्वे होगा। इसी तरह परिवहन विभाग के द्वारा दी जा रही यातायात की सुविधा तथा पुलिस के द्वारा रोड़ एक्सीडेंट के अलावा बच्चों तथा महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की हकीकत भी सर्वे में जानी जाएगी। केंद्र सरकार के इस सर्वे में अरबन डेवलपमेंट अथॉरिटी के माध्यम से लोगों को मिलने वाली सुविधाओं को भी शामिल किया गया है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग को बनाया नोडल एजेंसी
केंद्र सरकार ने जीवन की जरूरतों के मानक स्तर का सर्वे करवाने के लिए मप्र में नोडल एजेंसी नगरीय विकास एवं आवास विभाग को बन.ाया है। इस कार्यशाला का आयोजन भी नगरीय विकास विभाग ही कर रहा है। इसमें भारत सरकार द्वारा नियुक्ति किए गए कंसलटेंट भी शामिल हो रहे हैं। कार्यशाला के उद्घाटन वक्तव्य के लिए मुख्य सचिव को आमंत्रित किया गया है।

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