आर्गन ट्रांसप्लांटेशन कानून को लागू नहीं कर पा रही मप्र सरकार

प्रशासनिक संवाददाता ॥ भोपाल
मध्यप्रदेश के कईबड़े प्रायवेट अस्पतालों में आर्गन ट्रांसप्लांट के नाम पर हो रही मनमानी पर केन्द्र सरकार ने चिंता जताई है। केन्द्र को शिकायतें मिली हैं कि मप्र में आर्गन ट्रांसप्लांट के नाम कई जगह अवैध गतिविधियां चल रही हैं तो कईमामलों में इसकी मनमानी फीस वसूली जा रही है।
केन्द्र सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट की मॉनीटरिंग, नियंत्रण और पारदर्शी प्रक्रिया के लिए एक कानून बनाया है लेकिन मप्र सरकार इस कानून को लागू नहीं कर पा रही है। केन्द्र सरकार ने एक बार फिर मध्यप्रदेश सरकार से कहा हैकि वह जल्द से जल्द इस कानून को राज्य में लागू करे। मप्र में आर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की निगरानी के लिए कोईसरकारी व्यवस्था नहीं है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में विभाग ने अब तक कोई विचार नहीं किया है। प्रदेश में मुख्यत: इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में आर्गन ट्रांसप्लांट ज्यादा होते हैं लेकिन इनकी निगरानी की उचित व्यवस्था नहीं है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह को भेजे पत्र में केन्द्र सरकार द्वारा 2011 में बनाए गए ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन आर्गन एंड टिश्यू संबंधी कानून को जल्द से जल्द राज्य में लागू करने को कहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने मप्र सरकार को पत्र भेजकर कहा हैकि केन्द्र द्वारा आर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बनाया गया कानून अब तक मप्र सरकार ने लागू नहीं किया है। यह चिंता का विषय है। इसे राज्य में शीघ्रता से लागू करें।
इंदौर ने सबसे पहले बनाया था ग्रीन कॉरीडोर
हार्ट किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट के कईमामले मप्र में कईबार ग्रीन कॉरीडोर बनाए जा चुके हैं। सबसे पहला ग्रीन कॉरीडोर करीब दो साल पहले इंदौर में बनाया गया था जिसमें मानव अंगों को बहुत कम समय से इंदौर से गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल भेजा गया था। इंदौर में अब तक करीब 28 बार ग्रीन कॉरीडोर बनाए जा चुके हैं। पिछले साल 1 दिसंबर को इंदौर में 28 वां ग्रीन कॉरीडोर बनाया गयाा था, जिसमें एक मृतक युवक का दिल मुंबईके फोर्टिस अस्पताल भेजा गया था। इंदौर के अलावा भोपाल और जबलपुर में ग्रीन कॉरीडोर बनाए जा चुके हैं।
देश का तीसरा शहर
आर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में इंदौर देश का तीसरा शहर है, जहां से ज्यादा आर्गन ट्रांसप्लांटेशन हुए हैं।बीते दो सालों में अंगदान में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में इंदौर के 28 लोगों ने अंगदान किया है जिससे 8 0 से ज्यादा लोगों की जान बची है।


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