भेल भोपाल बनाएगा मेट्रो ट्रेन

दिलीप मालवीय ॥ भोपाल
भेल की भोपाल यूनिट के लिए कारोबार के लिए एक अच्छी खबर है। केन्द्र की सरकार ने लंबे समय से अटके मेट्रो ट्रेन उपकरणों को बनाने के लिए बीएचईएल को हरी झंडी दे दी है। कारखाने के अंदर गेट नम्बर छह के पास नया ब्लाक करीब 1 हजार करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इस कार्य को लगभग दो वर्ष में पूरा किया जाएगा। वहीं कंपनी को प्रति वर्ष करीब 1500 करोड़ के आर्डर इस क्षेत्र में मिल सकेंगे। जापानी कंपनी के साथ हुए करार के बाद यहां पर आधुनिक ब्लाक में विदेशी मशीनों को लगाया जाएगा। जानकार सूत्रों के अनुसार बीएचईएल भोपाल में मेट्रो इंजन के उपकरणों को बनाने के लिए कारखाना
परिसर में जहां ब्लाक बनना है वहां लगे पेड़ों की कटाई का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है। बताया जाता है कि मेट्रो टे्रन इंजन के उपकरण व कोच का निर्माण करने के लिए भेल और कावासाकी जापान के बीच समझौते को भारत सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है। इस निर्णय के बाद भेल की अलग-अलग यूनिटों में मेट्रों टे्रन इंजन के उपकरण व स्टील कोचों का निर्माण किया जा सकेगा। सबसे ज्यादा कार्य भेल भोपाल यूनिट के पास ही रहेगा। भेल अधिकारियों के अनुसार भेल भोपाल सहित 14 इकाइयों में मेट्रों के उत्पाद बनेंगे। इसमें इंजन, कोच और बिजली के उपकरण शामिल है।

कावासाकी तकनीक से होगा निर्माण
बताया जाता है कि इन उत्पादों के निर्माण में तकनीकी मार्गदर्शन जापानी कावासाकी कंपनी देंगी। मेट्रो उत्पादों को लेकर पिछले साल दिल्ली में भेल सीएमडी अतुल सोबती और कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज केएचआईके अध्यक्ष योसीनोरी कोनेहाना के समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इस कार्य के आरंभ होने से भेल के टर्नओवर में 1500 से 2000 करोड़ की सालाना बढ़ोत्तरी होगी। भेल भोपाल इकाई ट्रेनों में लगने वाले इंजनों की मोटर बनाने में दक्षता रखती है इसलिए स्थानीय यूनिट को इंजन का काम देने पर निर्णय लिया जाएगा। इसी के साथ झांसी इकाई को स्टील कोच का आर्डर मिल सकता है। केन्द्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद अब कुछ आर्डर भी मिलेंगे।ड्ड
भेल में फिर होगी भर्ती
भेल कारखाने के अंदर नए ब्लाक में जब जापानी कंपनी के साथ उत्पादन कार्य आरंभ होगा उस समय यहां लगभग दो हजार लोगों से कार्य कराया जाएगा। यहां इंजीनियरों के साथ आईटीआई टे्रनिज के साथ ही लेवर क्लास के वर्करों को कार्य पर रखा जाएगा। कारखाना परिसर जहां नए ब्लाक का निर्माण होना है, उस स्थान का निरीक्षण पूर्व में ही जापानी कंपनी के प्रतिनिधि कर चुके है। इसलिए प्रबंधन द्वारा ब्लाक के निर्माण कार्य में देरी नहीं की जाएगी। जमीनी स्तर पर कार्य अगले माह आरंभ हो जाएगा।
मेट्रो टे्रन के इंजन और स्टील कोच निर्माण के लिए भेल और जापान की कावासाकी कंपनी से एग्रीमेंट हुआ है। इस कार्य के लिए भारत सरकार से अनुमति मिल चुकी है। इस करार का लाभ मदर यूनिट को मिलेगा।
वीएन झा भेल प्रवक्ता


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