युवा और अनुभवी नेताओं के बीच अटक रही है बीजेपी कार्यसमिति, CM शिवराज कई नामों पर नहीं हैं राजी

भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह की असहमति की वजह से कार्यसमिति का गठन खटाई में पड़ गया है. जिससे प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी दबाव में आ गए हैं. साथ ही हाईकमान की तरफ से प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का दवाब बनाया जा रहा है. ऐसे में जब तक नई समिति का गठन नहीं किया जाएगा, तब तक बैठक भी नहीं होगी.

इन वजहों से हो रही देरी
प्रदेश में पदाधिकारी और कार्यसमिति के दावेदारों की फेहरिस्त में कई नेता शामिल हैं. लेकिन उम्र का क्राइट एरिया और बार-बार एक ही व्यक्ति को पद देने जैसे फार्मूले की वजह से समिति का गठन नहीं हो पा रहा है. साथ ही सीएम शिवराज खुद कई नामों से असहमत हैं.

हाईकमान का युवाओं पर ज्यादा फोकस
प्रदेश बीजेपी और हाईकमान नए और ऊर्जावान चेहरों को समिति में चाहता है. पार्टी 55 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेताओं को समिति से बाहर रखने पर भी चर्चा कर चुकी है. इसके अलावा हाईकमान मंत्रिमंडल के दावेदार रहे नेताओं को भी समिति में रखना चाहती है. इसकी वजह से समिति के गठन में देरी हो रही है.

4 वर्षों से काम कर रही पुरानी समिति
प्रदेश बीजेपी की मौजूदा टीम पिछले 4 वर्षों से कार्य कर रही है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नन्दकुमार सिंह चौहान ने 2016 में इस समिति का गठन किया था. इसके बाद 2018 में अध्यक्ष बनाए राकेश सिंह ने भी इस समिति में बदलाव नहीं किया. 15 फरवरी 2020 को विष्णु दत्त शर्मा प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए, लेकिन 6 माह बाद भी अभी नई समिति का गठन नहीं हुआ है.


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